होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. दुकानों में तरह-तरह की पिचकारी व रंग भरे पड़े हैं. खरीदार भी जुट रहे हैं. बच्चों में सबसे ज्यादा उत्साह है. इस दौरान लोग सेहत व स्कीन का ख्यालय रखते हुए काफी जांच-पड़ताल कर रंगों की खरीदारी कर रहे हैं. इधर, बच्चों के बीच क्रिकेर्टस व फेमस कार्टून कैरेक्टर्स के नाम की पिचकारी की काफी डिमांड है.
Advertisement
हर्बल रंग व फूल से बने गुलाल पहली पसंद
होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजार में चहल-पहल बढ़ गयी है. दुकानों में तरह-तरह की पिचकारी व रंग भरे पड़े हैं. खरीदार भी जुट रहे हैं. बच्चों में सबसे ज्यादा उत्साह है. इस दौरान लोग सेहत व स्कीन का ख्यालय रखते हुए काफी जांच-पड़ताल कर रंगों की खरीदारी कर रहे हैं. इधर, बच्चों के […]
तरह-तरह के मुखौटे भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं.
छपरा : होली को लेकर छपरा शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों के बाजार तक गुलजार हो गये हैं. रंग -बिरंगी पिचकारी, गुलाल, रंग, टोपी व मुखौटों से पूरा बाजार पट गया है. हालांकि इस बार होली में रंग खेलने को लेकर लोगों में अपने स्कीन की चिंता ज्यादा दिख रही है. दुकान पर रंग खरीदने से पहले लोग एक बार दुकानदार से जरूर पूछ रहे है कि यह रंग कहीं उनके स्कीन पर बुरा असर तो नहीं डालेगा. दुकानदारों की मानें तो इस बार लोग अपनी सेहत का ख्याल रख कर रंग व गुलाल की खरीदारी कर रहे हैं.
शहर के साहेबगंज, मौना, हथुआ मार्केट, गुदरी बाजार आदि जगहों पर लगे बाजार में पहुंच कर लोग होली में उपयोग वाली चीजों की खरीदारी कर रहे हैं.
लोग केमिकल युक्त रंग के बदले फैंसी स्प्रे को अधिक पसंद करते हैं.
बाजार पर चढ़ा होली का रंग
कपड़ों के बाजार में भी बढ़ी रौनक
होली के त्योहार को लेकर कपड़े की दुकानों की भी रौनक बढ़ गयी है. रंग-बिरंगे कुरते व पायजामा की बिक्री तो हो ही रही है. सलवार सूट की नयी रेंज को देख कर युवतियां उसे खरीदने से नहीं चूक रही हैं. इस वर्ष फैंसी सलावर सूट के ज्यादा ग्राहक है. बच्चों को बाबा सूट, मोदी सूट समेत धोती कुरता ज्यादा पसंद आ रहा है. महिलाओं की भीड़ साड़ियों की दुकान पर बड़ी संख्या में देखी जा रही है. शहर की हृदय स्थली के रूप में प्रसिद्ध हथुआ मार्केट की कपड़ा दुकानों में बउ़ी संख्या में खरीदारों की भीड़ उमड़ रही है.
बच्चों के बीच क्रिकेर्टस व फेमस कार्टून कैरेक्टर्स के नाम की पिचकारी की काफी डिमांड
रंग खरीदने से पहले लोग कर रहे हैं जांच-पड़ताल
लाखों का होता है रंग व पिचकारी का कारोबार
रंग, गुलाल व पिचकारी का कारोबार लाखों रुपये का होता है. दुकानदारों की मानें तो 60 से 65 लाख रुपये से अधिक का व्यवसाय होता है. यहां से आस-पास के प्रखंड व अनुमंडल स्तरीय बाजार के अलावा गांव, कसबे आदि के दुकानदार सामान खरीद कर थोक में ले जाते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement