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बिना लाइसेंस वाली कंपनियां कर रहीं महत्वपूर्ण संस्थानों की सुरक्षा
चिंता. सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में जिले के कई सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा की कमान बिना लाइसेंस वाली सुरक्षा कंपनियां संभाल रही हैं. बिना लाइसेंस की चल रही सुरक्षा कंपनियां न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, बल्कि सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में है. छपरा (सारण) : […]
चिंता. सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में
जिले के कई सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा की कमान बिना लाइसेंस वाली सुरक्षा कंपनियां संभाल रही हैं. बिना लाइसेंस की चल रही सुरक्षा कंपनियां न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रही हैं, बल्कि सरकारी-गैर सरकारी संस्थानों की सुरक्षा भी खतरे में है.
छपरा (सारण) : मानदंड पर खरा नहीं उतरने वाली सुरक्षा कंपनियों को गलत ढंग से सुरक्षा कार्य का ठेका कई सरकारी तथा अर्ध सरकारी संस्थानों ने दे रखा है. नियम के विरुद्ध संचालित सुरक्षा कंपनियों के द्वारा सुरक्षा गार्ड के रूप में बहाल कर्मियों का शोषण भी किया जा रहा है. इन कंपनियों के द्वारा श्रम कानूनों का भी पालन नहीं किया जाता.
सुरक्षा गार्डों को कई माह से वेतन का भी भुगतान नहीं किया जा रहा है. बिना लाइसेंस के चल रही प्राइवेट सुरक्षा कंपनियों के द्वारा आवास, वरदी, बोनस, बीमा, इपीएफ, दुर्घटना बीमा का लाभ देने का सब्जबाग दिखाया जाता है, लेकिन दो- तीन वर्ष कार्य करने के बाद वेतन का भुगतान रोक दिया जाता है. इस वजह से सुरक्षा गार्ड कंपनी की नौकरी छोड़ कर भाग जाते हैं. काम छोड़ कर भागने वाले कर्मी के वेतन से काटी गयी इपीएफ की राशि हड़प ली जाती है.
क्या है निर्देश : राज्य सरकार ने बिना लाइसेंस के चल रही निजी सुरक्षा कंपनियों की जांच करने का निर्देश दिया है. इसकी जांच की जिम्मेवारी पुलिस को दी गयी है. पुलिस ने इसकी जांच भी शुरू कर दी है. अब तक तीन सुरक्षा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई भी हो चुकी है. नगर थाने में तीन कपंनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है.
इन संस्थानों में कार्यरत हैं निजी सुरक्षाकर्मी
जयप्रकाश विश्वविद्यालय, सभी अंगीभूत कॉलेज, बैंकों के एटीमए काउंटर, बैंक शाखा, कैश वैन, सदर अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल, निजी शिक्षण संस्थान, व्यवसायिक प्रतिष्ठान, प्राइवेट अस्पताल.
क्या है प्रावधान
प्राइवेट सिक्युरिटी ऑथरिटी एक्ट 2005 तथा बिहार प्राइवेट सिक्युरिटी ऑथरिटी एक्ट 2011 के तहत राज्य सरकार से निबंधन कराना अनिवार्य है.
राज्य सरकार से निबंधन के पहले सिक्युरिटी कंपनी को श्रम संसाधन विभाग से निबंधित होना अनिवार्य है.
निबंधित सिक्युरिटी कंपनी के पास सुरक्षा गार्डों को सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण देने का प्रबंध होना चाहिए.
कंपनी को आयकर विभाग से भी पंजीकृत कराना जरूरी है.
सुरक्षा कंपनी में कार्यरत कर्मियों का पुलिस से चरित्र सत्यापन कराना है.
कार्यरत कर्मियों को कार्य स्थल के आस-पास आवास का सुविधा उपलब्ध कराना है.
क्या कहते हैं अधिकारी
सुरक्षा कार्य करने या सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करानेवाली कंपनियों के पास नियमानुसार लाइसेंस होना अनिवार्य है. बिना लाइसेंस के चल रही कंपनियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जायेगी और कार्रवाई होगी.
सत्यवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक, सारण
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