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निजी शिक्षण संस्थानों पर आयकर विभाग की नजर
टैक्स चोरी करनेवालों पर कसेगा िशकंजा छपरा (सदर) : आयकर रिटर्न नहीं भरनेवाले जिले के सभी प्राइवेट स्कूल को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 142 (1) के तहत सारण, सीवान, गोपालगंज, बेतिया, मोतिहारी समेत 11 जिलों के सभी संचालकों को नोटिस जारी किया है. साथ ही इन स्कूलों पर निगरानी रखने के लिए संयुक्त आयुक्त […]
टैक्स चोरी करनेवालों पर कसेगा िशकंजा
छपरा (सदर) : आयकर रिटर्न नहीं भरनेवाले जिले के सभी प्राइवेट स्कूल को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 142 (1) के तहत सारण, सीवान, गोपालगंज, बेतिया, मोतिहारी समेत 11 जिलों के सभी संचालकों को नोटिस जारी किया है.
साथ ही इन स्कूलों पर निगरानी रखने के लिए संयुक्त आयुक्त आयकर मोहम्मद सदाब अहमद ने आयकर इंस्पेक्टर की एक टीम का गठन किया है, जो पिछले पांच वर्षों में खुले कई सारे किड्स प्ले स्कूल या स्मार्ट क्लास के नाम पर अभिभावकों से मनमाना पैसा वसूल करनेवालों की निगरानी कर रहे हैं.
खुद संयुक्त आयकर आयुक्त ने कई प्राइवेट स्कूलों में गार्जियन के रूप में दौरा कर उनके द्वारा आयकर रिर्टन फाइल नहीं करने तथा मनमाना फी वसूली की जानकारी एकत्र की है. उन्होंने स्पष्ट तौर पर वैसे प्राइवेट स्कूल जो अपना सही आयकर रिटर्न नहीं फाइल नहीं कर रहे हैं, उनपर भी धारा 133 ए के तहत सर्वे की कार्रवाई की तैयार की है. सारण के जिला आयकर अधिकारी वीरेंद्र कुमार तिवारी ने पत्रकारों को बताया कि ऐसे सभी स्कूलों के आमदनी की जांच की जायेगी तथा इनके बैंक एकाउंट, बिल्डिंग कंस्ट्रक्सन में लगाये गये पैसे की जांच की जायेगी.
उन्होंने कहा कि अधिकतर निजी विद्यालयों के जमीन एवं भवन निर्माण में ब्लैकमनी निवेश का अंदेशा रहता है. उन प्राइवेट स्कूलों को निश्चित तोर पर राहत मिलेगी. जिन्होंने आयकर आयुक्त पटना द्वारा धारा 12 ए के तहत जारी किये गये एग्जम्शन प्रमाण पत्र लेकर आयकर रिटर्न भर रहे है.
शिक्षण संस्थान संचालकों में मचा हड़कंप
आयकर विभाग द्वारा आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने, कर की चोरी करने वालों के विरुद्ध नोटिस जारी करने व उनकी निगरानी के लिए आयकर इंस्पेक्टर की टीम गठित किये जाने के बाद विभिन्न निजी शिक्षण संस्थाओ के संचालकों में हड़कंप मचा है.
वहीं, छात्रों के पैसे से दिनों-दिन लाखो की कमाई कर इमारत खड़ा करने वाले शिक्षण संस्थाओं के संचालकों को अब आयकर विभाग के रुख के बाद परेशान देखा जा रहा है. यदि शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक आयकर विभाग ने निजी संस्थानों की जांच की, तो सैकड़ों की संख्या में ऐसे शिक्षण संस्थान, लॉज, होस्टल मिलेंगे जो अवैध कमाई का पूरा हिस्सा हड़प कर आय कर विभाग को इसकी सूचना देने की जरूरत तक नहीं समझते.
प्राइवेट कॉलेज, कोचिंग व हॉस्टल की भी होगी जांच
जिला आयकर अधिकारी के अनुसार, सभी प्राइेवट स्कूल के साथ-साथ इन सभी जिलों के प्राइवेट कॉलेज, प्राइवेट कोचिंग सेंटर, प्राइवेट ब्याज एवं गर्ल्स हॉस्टल, लॉज आदि सभी की जांच का आदेश दिया गया है. उन्होंने कहा कि कई सारे प्राइवेट कॉलेज स्कूल, कोचिंग सेंटर नगद में फी वसूल रहे हैं तथा रशीद के नाम पर कच्ची रसीद अभिभावक व विद्यार्थी को उपलब्ध कराते हैं.
अधिकतर कोचिंग सेंटर नगर फी वसूली का एक चौथाई राशि की ही रसीद देते हैं, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में ब्लैक मनी काफी बढ़ गया है. इस पर रोक लगाने के उद्देश्य से ही आयकर विभाग कार्रवाई की तैयारी में लगा है. उन्होंने अभिभावकों से भी कहा कि वे एकाउंट पेयी चेक के माध्यम से ही स्कूल फी भुगतान का प्रयास करें.
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