दत्तक ग्रहण केंद्र में मुजफ्फरपुर से तीन माह पूर्व आयी थी लावारिस बच्ची
चार माह की एक अन्य बच्ची को थैलेशिमिया की बीमारी से दत्तक ग्रहण केंद्र मुश्किल में
छपरा (सदर) : छपरा स्थित दत्तक ग्रहण केंद्र में रह रही एक साल की अनाथ बच्ची को अमेरिकन दंपति ने कानूनी रूप से स्वीकार करने की इच्छा जतायी है. इस बच्ची का नाम दत्तक ग्रहण केंद्र के संचालकों द्वारा ‘आकृति’ रखा गया है.
केंद्र की समन्वयक श्वेता के अनुसार इस बच्ची को 11 नवंबर को मुजफ्फरपुर स्थित दत्तक ग्रहण केंद्र से लाया गया था. जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक भास्कर प्रियदर्शी के अनुसार, अमेरिकी मूल के दंपती द्वारा इस बच्ची को ग्रहण करने की इच्छा जताने के बाद विभागीय स्तर पर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है. मालूम हो कि पूर्व में भी न्यूजीलैंड के चिकित्सक दंपती ने लावारिश ‘भाग्यशाली’ को अपनाने की सहमति दी थी. इस एनआरआइ चिकित्सक दंपती के आवेदन के बाद दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच चुकी है.
थैलेशिमिया से पीड़ित बच्ची का पीएमसीएच में चल रहा इलाज
छपरा स्थित दत्तक ग्रहण केंद्र में रहनेवाली चार माह की बच्ची को थैलेशिमिया (खून नहीं बनने की बीमारी) हो गयी है. चार माह पूर्व वैशाली जिले से लावारिश स्थिति में 14 अक्तूबर, 2015 को बरामद किया गया था. इस लावारिश बच्ची की जांच के दौरान पहले पटना स्थित एम्स, फिर पीएमसीएच में इलाज के बाद थैलेशिमिया नामक बीमारी होने की बात सामने आयी. इसके बाद दत्तक ग्रहण केंद्र की समन्वयक श्वेता कुमारी की देखरेख में बच्ची है.
सहायक निदेशक बाल संरक्षण इकाई भास्कर प्रियदर्शी ने कहा कि इस बच्ची के मामले में जिला पदाधिकारी दीपक आनंद को पूरी स्थिति से अवगत करा कर सिविल सर्जन के माध्यम से समय-समय पर खून चढ़ाने की व्यवस्था की जायेगी. उन्होंने बताया कि बच्ची थैलेशिमिया के अंतिम स्टेज में है. ऐसी स्थिति में उसके भविष्य को लेकर विभाग चिंतित है.