छपरा (सारण) : आपराधिक मामलों के अनुसंधान में विधि विज्ञान जांच काफी अहम है. विधि विज्ञान जांच रिपोर्ट दोषियों को सजा दिलाने के लिए सार्थक सिद्ध होगी. उक्त बातें पुलिस अधीक्षक सत्यवीर सिंह ने पुलिस पदाधिकारियों के एक दिवसीय विधि विज्ञान विषयक प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए रविवार को कहीं.
एसपी श्री सिंह ने कहा कि गंभीर आपराधिक कांडों की जांच के दौरान अनुसंधानकर्ता के स्तर पर कोई भी ऐसी भूल नहीं हो, जिसका लाभ दोषियों को मिले. उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर पूरी सुक्ष्मता के साथ जांच करें. गंभीर आपराधिक मामलों में विधि विज्ञान जांच का इस्तेमाल करें. उन्होंने कहा कि विधि विज्ञान जांच को किसी भी हाल में नजर अंदाज नहीं करें. उन्होंने कहा कि विधि विज्ञान जांच से न केवल दोषियों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है,
बल्कि दोषियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य प्रामाणिक ढंग से जुटाया जा सकेगा. एसपी ने कहा कि हत्या, लूट, डकैती, रंगदारी के मामलों में विधि विज्ञान जांच आवश्यक है. खास कर हत्या के संदिग्ध मामलों और अज्ञात हत्याकांडों, रहस्मय मौत जैसी घटनाओं की गुत्थी सुलझाने में विधि विज्ञान की भूमिका अहम है.
उन्होंने अनुसंधान के दौरान ध्यान देने योग्य अहम सवालों के बारे में विस्तार से प्रकाश डाला. इस अवसर पर अपर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण कुमार ने भी विचार रखे. मुजफ्फरपुर विधि विज्ञान प्रयोगशाला के वरीय वैज्ञानिक डॉ सुनील कुमार ने आपराधिक कांडों के अनुसंधान में विधि विज्ञान की अहमियत पर विस्तार से प्रकाश डाला. अपराध अनुसंधान विभाग, पटना से आये विशेषज्ञों ने अपराध अनुसंधान के तरीके, साक्ष्य जुटाने,
ध्यान देने लायक महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानकारी दी. अलग-अलग तरह के आपराधिक मामलों में बिंदुवार सवालों को समझाया तथा बिंदुवार जांच का निर्देश दिया. प्रशिक्षण शिविर में जिले के सभी थानाध्यक्षों तथा पुलिस निरीक्षकों, पुलिस अवर निरीक्षकों, सहायक अवर निरीक्षकों ने भाग लिया.