महाराजगंज : शहर में आबादी बढ़ने के बाद शहरी विकास के लिए निकाय का गठन करना आवश्यक था. सन 2000 में जनता को सरकारी सुविधा के लिए नगर पंचायत गठन की आवश्यकता पड़ी, जिसमें कपियां ग्राम पंचायत को तोड़ कर कपियां और इंदौली गांव को नगर पंचायत में शामिल किया गया.
वहीं पसनौली पंचायत को तोड़ कर पसनौली गांव को नगर पंचायत में शामिल कर लिया गया. उसी वक्त जगदिशपुर व धनछुहां गांव न नगर पंचायत में रहा, न ग्राम पंचायत में, जिससे इन दोनों गांवों के नागरिक सरकारी लाभ लेने से वंचित रह गये. 2002 में नगर पंचायत का पहला चुनाव नये परिसीमन पर 14 वार्डों के आधार पर किया गया. शहर के साथ पंचायत के भी नागरिकों को सरकारी सुविधा का लाभ मिलने लगा.
लेकिन इनसे अलग हुए जगदीशपुर व धनछुहां गांव सरकारी लाभ से वंचित रह गये. नगर पंचायत या ग्राम पंचायत में जोड़ने के लिए धनछुहां गांव के लोगों ने एमपी, एमएलए के चुनाव में वोट का भी बहिष्कार भी किया था. दोनों गांवों के लोग आक्रोशित हैं. इनका गुस्सा कभी सड़क पर उतर सकता है. धनछुहा के जगदीश सिंह, अमरेंद्र कुमार सिंह, वीरेंद्र सिंह, पारस सिंह व जगदीशपुर के दिलीप कुमार सिंह, सुभाष सिंह, मैनेजर सिंह, अमरजीत सिंह आदि का कहना था कि आगामी चुनाव पूर्व सरकार द्वारा ठोस पहल नहीं की गयी, तो दोनों गांवों के लोग सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे.