चेत जाएं, नहीं तो पछतायेंगे चिंताजनक : झोला छाप चिकित्सकों के चक्कर में जा रही है जान संवाददाता-छपरा (सारण) अनचाहे गर्भ को खत्म कराने के लिए गर्भवति महिलाएं झोला छाप चिकित्सक के चक्कर में जान गंवा रही हैं़ बेटे की चाह में प्राय: महिलाएं भ्रूण लिंग परीक्षण कराने के बाद झोला छाप डॉक्टरों से गर्भपात कराने जाती है. गर्भपात कराने के नाम पर झोला छाप डॉक्टरों द्वारा मनमाना राशि की वसूली भी कर रहे हैं. इस धंधे को बढ़ावा देने में अल्ट्रा साउंड स्कैन सेंटरों के संचालकों की भूमिका महत्वपूर्ण है. भ्रूण लिंग परीक्षण करने के नाम पर अल्ट्रा साउंड संचालकों द्वारा मनमाना राशि की वसूली की जा रही है. इसके प्रति विभागीय अधिकारी मूकदर्शक बने हुए हैं. जिले के ग्रामीण इलाकों में संचालित अल्ट्रा साउंड सेंटरों में यहां धंधा खूब चल रहा है. झोला छाप डॉक्टरों और अल्ट्रा साउंड सेंटरों के संचालकों की मिली भगत से भू्रण लिंग परीक्षण तथा असुरक्षित गर्भपात कराया जा रहा है. केस स्टडी- 1मशरक स्टेशन रोड स्थित एक नर्सिंग होम में असुरक्षित गर्भपात के कारण एक महिला की मौत शुक्रवार की रात हो गयी. पदमपुर गांव की रामावती देवी को पहले से चार पुत्रियां थीं. पाचवें बार गर्भवती हुई और जब उसने अल्ट्रा साउंड कराया, तो उसे पता चला कि गर्भ में पल रहा भ्रूण कन्या है. इस वजह से वह गर्भपात कराने पहुंची थी. चार माह की गर्भवती रामावती की मौत झोला छाप डॉक्टर द्वारा असुरक्षित ढंग से गर्भपात के कारण हो गयी. इसकी प्राथमिकी मशरक थाने में दर्ज हैं और चिकित्सक फरार हैं. केस स्टडी-2 नगरा थाना क्षेत्र के पटेढ़ा बाजार पर दो माह पहले असुरक्षित गर्भपात के कारण एक महिला की मौत हो गयी. इस मामले में झोलाछाप चिकित्सक सुनील कुमार और उसकी पत्नी को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मृत महिला खैरा थाना क्षेत्र के तेतारपुर गांव की रहनेवाली थी. इसको लेकर मरीज के परिजनों तथा ग्रामीणों ने सड़क जाम भी किया था. बाद में पुलिस ने मामले को शांत करायी. चिकित्सक दंपती को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. परिजनों ने चिकित्सक दंपती के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. क्या है नियम-भ्रूण लिंग परीक्षण कानून अपराध – पकड़े जाने पर गिरफ्तार कर जेल का है प्रावधान -दोषी को हो सकता है 50 हजार जुर्माना तथा पांच वर्ष तक कारावास -अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस रद्द करने का प्रावधान है. -भू्रण लिंग परीक्षण करने तथा कराने वाले दोनों दंड के भागी होंगे-पीसी एंड पीएमडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने का है प्रावधानगर्भ समापन का क्या है प्रावधान -गर्भ समापन गलत नहीं है, बशर्तें सुरक्षित तरीके से हो-दो बच्चों के जीवित रहते हुए तीसरा गर्भ ठहरने पर करा सकते हैं गर्भ समापन -दो बच्चों के जन्म के बीच अंतर रखने के लिए गर्भ समापन वैद्य -अनचाहे गर्भ का समापन जायज है-बच्चे को जन्म देने में माता को खतरा की आशंका होने पर क्या है व्यवस्था -सभी सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क सुरक्षित गर्भ समापन का प्रबंध है-इसके लिए सभी चिकित्सकों को किया गया है प्रशिक्षित-सुरक्षित गर्भ समापन के सभी एएनएम तथा ग्रेड ए नर्स को प्रशिक्षित किया गया है. -सुरक्षित गर्भपात को प्रोत्साहित करने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार का दिया गया है निर्देश -सुरक्षित गर्भपात को मेडिकल एक्ट 1971 के द्वारा कानूनी वैद्यता प्रदान की गयी है.क्या है स्थितिसुरक्षित गर्भपात कराने के लिए सरकारी अस्पतालों में महिलाएं नहीं आती हैं. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेफरल अस्पताल, अनुमंडलीय तथा सदर अस्पताल में सुरक्षित गर्भपात कराने का प्रबंध है. लेकिन इसका समुचित ढंग से प्रचार-प्रसार नहीं कराये जाने के कारण इसका लाभ आम जनों को नहीं मिल रहा है. इसके प्रति विभागीय कर्मचारी भी उदासीन है. अस्पतालों में गर्भ समापन कराने आने वाली महिलाओं को सुविधा का अभाव बता कर प्राइवेट नर्सिंग होम में भेज दिया जाता है. क्या कहते हैं अधिकारी केंद्रों की नियमित जांच की जा रही है. पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय किया जा रहा है. इसके लिए गठित टीम के द्वारा अनुश्रवण भी किया जाता है.डॉ निर्मल कुमार, सिविल सर्जन, छपरा
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चेत जाएं, नहीं तो पछतायेंगे
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