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हज के नाम पर 10 लोगों से ठगे साढ़े चार लाख

छपरा : हज के सफर पर जाने के लिए लोग जीवन भर पैसे जोड़ते व तमन्ना पालते हैं. ऐसे में ईमानदारी व मेहनत की कमाई के पाक पैसे को कोई ठग कर फरार हो जाये, तो उनकी अकीदत को बेहद सदमा पहुंचेगा. इस सदमे का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. शहर के दर्जनों लोगों […]

छपरा : हज के सफर पर जाने के लिए लोग जीवन भर पैसे जोड़ते व तमन्ना पालते हैं. ऐसे में ईमानदारी व मेहनत की कमाई के पाक पैसे को कोई ठग कर फरार हो जाये, तो उनकी अकीदत को बेहद सदमा पहुंचेगा.

इस सदमे का अंदाजा भी नहीं लगाया जा सकता. शहर के दर्जनों लोगों को उमरा (हज) पर ले जाने के लिए ट्रैवल एजेंट ने शिकार बनाया और उनके एडवांस के रूप में जमा किये गये लगभग साढ़े चार लाख रुपये लेकर चंपत हो गया है.

सुपर मार्केट में खोला था ब्रांच राजधानी के पटना मार्केट में नेशनल हज-उमरा टूर एंड ट्रैवल्स चलानेवाले सीवान के बड़हरिया निवासी सैयद इरशाद अहमद ने शहर के बस स्टैंड स्थित सुपर मार्केट में अपना ब्रांच ऑफिस खोला था. उद्घाटन विधिवत समारोह आयोजित कर हुआ था. कुछ लोगों को उसने उमरा कराया भी था.

इससे लोगों में विश्वास पैदा हुआ और अन्य लोग आसानी से उसके झांसे में आ गये. इरशाद ने 50 हजार रुपये में उमरा का ऑफर दिया एवं आधी रकम एडवांस के रूप में जमा करने को कहा. कुछ लोगों ने जहां कैश में रुपये दिये, तो कुछ ने उसके एकाउंट में रकम डलवायी. समय बीतने पर हुई बेचैनी इरशाद ने लोगों को एक माह में उमरा पर ले जाने का वादा किया था.

उसने वीजा के लिए पासपोर्ट मांगे थे. मगर उसे फोटो कॉपी ही दी गयी थी. जब नियत समय से अधिक वक्त होने लगा, तो लोगों को बेचैनी होने लगी. फोन करने पर शुरू में उसने तकनीकी कारणों से देर होने की बात बतायी. बाद में अधिक फोन न करने की बात कहते हुए उमरा पर नहीं ले जाने की धमकी देने लगा.

छपरा दफ्तर बंद रहने पर जब लोग पटना गये, तो वहां भी कार्यालय बंद मिला एवं मोबाइल भी स्विच ऑफ आने लगा. अन्य लोग भी हुए हैं शिकार इरशाद ने पूरे बिहार के सैकड़ों लोगों से तीन करोड़ से ज्यादा रुपयों का घोटाला किया है. ठगी का शिकार हुए हाजी मेराज हुसैन ने बताया कि पटना-गया व अन्य स्थानों के लोगों ने इरशाद को उसके फुलवारी स्थित घर से पकड़ा व थाने ले गये थे.

वहां उसने आठ अक्तूबर तक पैसा वापस करने का वादा किया एवं कुछ के पैसे लौटाये. मगर, उसके बाद घर भी बंद है. छपरा के लोग जब इरशाद के गांव बड़हरिया गये, तो उसके पिता सैयद आजाद अहमद ने 14 वर्ष पूर्व बेटे को बेदखल करने की बात बतायी और उन्हें फोन न करने की सलाह दी.

किन लोगों के पैसे लियेमौलाना जमाल अख्तर मजहरी – 20,000(इमाम जामा मसजिद)वकील अहमद एवं जैनब खातून-1,00,000(करीमचक खनुआ)हसीना खातून – 50,000एवं अनवर आलम (राहत रोड, करीमचक)सुल्तान इकबाल व – 2,50,000हाजी मेराज हुसैन (करीमचक, तुलसी गली)तरन्नुम फातिमा व – 75,000बीबी सुबह तारा शब्बीर हसन खां – 25,000(करीमचक, छपरा)चांद बाबू व नबी हसन कुरैशी-75,000(करीमचक, खनुआ)

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