छपरा (सारण) : खरीफ फसल के दौरान हुई क्षति का आकलन शुरू कर दिया गया है. नयी सरकार के गठन के साथ किसानों को फसलों की क्षति का मुआवजा मिलने की आशा जगी है. अनियमित माॅनसून के कारण धान की फसल को सबसे अधिक क्षति हुई है. माॅनसून के दौरान वर्षापात औसत से 53 प्रतिशत […]
छपरा (सारण) : खरीफ फसल के दौरान हुई क्षति का आकलन शुरू कर दिया गया है. नयी सरकार के गठन के साथ किसानों को फसलों की क्षति का मुआवजा मिलने की आशा जगी है. अनियमित माॅनसून के कारण धान की फसल को सबसे अधिक क्षति हुई है. माॅनसून के दौरान वर्षापात औसत से 53 प्रतिशत कम हुआ है.
धान का आच्छादन निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप कराया गया. बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ की स्थिति उत्पन्न हो गयी. इस वजह से विभाग के द्वारा किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराया गया. लेकिन, इसी बीच विधानसभा चुनाव आरंभ हो जाने से डीजल अनुदान की राशि का समुचित ढंग से वितरण नहीं हो सका. इस वजह से सिचाई का कार्य पूर्ण रूप से नहीं हो सका और धान की खेती को भारी क्षति हुई है.
किसानों को हुई आर्थिक क्षति : अनियमित मॉनसून के कारण किसानों को काफी आर्थिक क्षति हुई है. खेतों में लगायी गयी धान की फसल पूरी तरह बरबाद हो गयी. धान के पौधे में लगीं बालियों में दाना नहीं पड़ा है.
उसमें दाने के बदले काले रंग के दाने निकल रहे हैं, जो हाथ से मसलने पर धूल-धुसरित हो जा रहे हैं. धान की फसल देख कर किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं.
क्या है उम्मीद : नयी सरकार के गठन के उपरांत किसानों को धान की फसल की हुई क्षति का मुआवजा मिलने की आशा है.
चुनाव आचार संहिता लागू रहने के कारण सरकार के द्वारा किसानों को फसलों की क्षति का मुआवजा देने के बिंदु पर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है. लेकिन, शुक्रवार को सरकार के गठन के उपरांत इस गंभीर समस्या के समाधान होने की संभावना जगी है.
बाढ़ सुखाड़ झेलना बन चुकी है नियति : जिले के किसानों के लिए बाढ़-सुखाड़ की मार को झेलना नियति बन चुका है. एक दशक से लगातार जिले के किसान बाढ़ व सुखाड़ी की मार झेल रहे हैं.
प्राकृतिक आपदा की मार झेल रहे किसानों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. लगातार फसलों की क्षति के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे किसान तंगहाली के कगार पर पहुंच चुके हैं. आर्थिक तंगी से परेशान किसान बैंक व सेठ-साहूकारों के कर्ज से दबे हुए हैं. पिछले दो वर्षों में किसानों को बाढ़ के कारण फसलों की क्षति उठानी पड़ी. रबी फसल के दौरान ओलावृष्टि से फसलों की भारी क्षति हुई थी.