छपरा (सदर) : 11 दिवसीय श्रीहनुमज्जयंती समारोह के तीसरे दिन प्रवचनमाला का उद्घाटन हुआ. दीप प्रज्वलित कर प्रवचनमाला का उद्घाटन अयोध्या से पधारे श्री रत्नेश जी भास्कर ने किया. इस दौरान श्री हनुमान जी का अभिषेक व श्री रामचरित मानस पाठ का सामूहिक नवाह परायण एवं सुक्त से हवन कार्यक्रम हुआ. 48वें वार्षिक अधिवेशन की तैयारियों को लेकर समिति के सदस्यों यथा प्रो. रणंजय सिंह आदि की सक्रिय भूमिका रही.
दर्जन भर संतों ने दी है प्रवचन की स्वीकृति श्री हनुज्जयंती समारोह समिति द्वारा आयोजित समारोह में देश के मूर्धन्य महात्माओं एवं उपदेशकों ने अपने स्वीकृति दी है. इस दौरान चक्रवर्ती जगतगुरु रामानंदाचार्य स्वामी, श्रीरामभद्रा चार्य जी, हरदोई (यूपी) प्रज्ञा भारती गिरि (पंछी देवी), अयोध्या के आचार्य श्री रत्नेशजी कथा भाष्कर, खलीलाबाद के श्री वैराग्यानंद जी परमहंस, वाराणसी के श्रीकृष्णनंद त्रिपाठी जी (रामायणी), जालौन के ईश्वर दास ब्रह्मचारी, छपरा के विद्या भूषण कवि जी, अंबिका स्थान शिवबच्चन जी आदि ने प्रवचन की स्वीकृति दी है.
दो पालियों में होगा प्रवचन-श्री हनुमज्जयंती समारोह समिति, छपरा के अनुसार, प्रात: पांच बजे से 6.30 बजे तक दो से नौ नवंबर तक श्री हनुमान जी का अभिषेक गोदुग्ध या इच्छु रस से-6.30 बजे से 10.30 बजे तक रामचरित मानस सामूहिक नवाह परायण-11 बजे से 1.30 बजे तक पुरुष सूक्त एवं श्री सूक्त से हवन- अपराह्न एक बजे से 5.30 बजे तक तथा सायं 6.30 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक उपदेश एवं प्रवचनमाला