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पुलिस प्रशासन की सूझ-बूझ से स्थिति पर पाया गया काबू

छपरा (सारण) : पुलिस-प्रशासन की सूझ-बूझ व तत्परता से स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया गया. घटना की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले थानाध्यक्ष रवींद्र मोची पुलिस बलों के साथ पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सबसे पहले फायर ब्रिगेड को सूचना दी और वस्तुस्थिति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया. सूचना […]

छपरा (सारण) : पुलिस-प्रशासन की सूझ-बूझ व तत्परता से स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया गया. घटना की सूचना मिलने के बाद सबसे पहले थानाध्यक्ष रवींद्र मोची पुलिस बलों के साथ पहुंचे और स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सबसे पहले फायर ब्रिगेड को सूचना दी और वस्तुस्थिति से वरीय अधिकारियों को अवगत कराया.

सूचना मिलते ही रात 3.30 बजे डीएम दीपक आनंद और एसपी सत्यवीर सिंह सक्रिय हो गये. एसपी ने तुरंत मुफस्सिल, भगवान बाजार, नगर थानों के थानाध्यक्षों को इनई गांव के लिए रवाना होने का निर्देश दिया. साथ ही पुलिस केंद्र से अतिरिक्त पुलिस बल के साथ अन्य पदाधिकारियों को रिविलगंज भेजा गया.

इसी बीच जिलाधिकारी दीपक आनंद ने जिला कृषि पदाधिकारी केके झा, सदर सीओ विजय कुमार सिंह, सदर बीडीओ विनोद आनंद समेत कई दंडाधिकारियों-वरीय उप समाहर्ताओं को इनई पहुंचने का निर्देश दिया. पुलिस छावनी में तबदील हो गयी इनई सुबह पांच बजे घटना के कुछ ही देर बाद इनई गांव पुलिस छावनी में तब्दील हो गया. सैकड़ों की संख्या में एसएसबी के जवान पहुंच गये. दर्जन भर से अधिक पुलिस पदाधिकारी पुलिस बल के साथ पहुंचे.

सुबह के पांच बजते-बजते अधिकारियों और पुलिस बलों से पूरा गांव भर गया. इनई गांव के पूरबी छोर से लेकर पश्चिमी छोर तक पुलिस से पट गया. समाचा लिखे जाने तक पुलिस पदाधिकारी व अर्धसैनिक बल कैंप कर रहे हैं. प्रशासन के सहयोग से हुआ विसर्जनपुलिस प्रशासन के पहुंचने तथा ट्रक में लगे आग बुझाने के तुरंत बाद दुर्गा जी की प्रतिमा का विसर्जन कराया गया. साथ ही क्षतिग्रस्त ट्रैक्टर, जेनेरेटर और जले हुए ट्रक को सड़क से हटाया गया. घटना होने के बाद इनई पूर्वी तथा पश्चिमी आखाड़ों के हनुमान जी की प्रतिमाओं का विसर्जन आनन-फानन में जैसे-तैसे सेंगर टोला घाट पर किया गया.

मची रही अफरा-तफरी मुकरेड़ा गांव के जुलूस में हुई हिंसक घटना के बाद अफरा-तफरी मच गयी. ट्रक पर बने चलंत मंच में आग लगाये जाने के बाद नर्तकियों ने जैसे-तैसे भाग कर अपनी जान बचायी. वह आसपास के घरों में छिप गयीं. जुलूस में तैनात पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी भी भाग खड़े हुए. बाद में जब वरीय पुलिस पदाधिकारी पहुंचे, तो पुलिसकर्मी लौटे, लेकिन दंडाधिकारी नजर नहीं आये. इस घटना के कारण अखाड़ा नंबर 8,9 और 10 का प्रतिमा विसर्जन जुलूस हिंसा की भेंट चढ़ गया.

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