22.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पुस्तक से जल रहा है उम्मीद का दीपक

डीएम दीपक आनंद की पुस्तक ‘सिविल सर्विसेज में सफल कैसे हों’ को खूब पसंद कर रहे हैं विद्यार्थी संवाददाता, छपरा/दिघवारा : सारण के डीएम दीपक आनंद की प्रशासनिक कार्यशैली से हम प्रतिदिन रू-ब-रू होते हैं. मगर, चंद लोगों को ही पता होगा कि डीएम श्री आनंद एक अच्छे लेखक भी हैं एवं उनकी लिखित पुस्तक […]

डीएम दीपक आनंद की पुस्तक ‘सिविल सर्विसेज में सफल कैसे हों’ को खूब पसंद कर रहे हैं विद्यार्थी

संवाददाता, छपरा/दिघवारा : सारण के डीएम दीपक आनंद की प्रशासनिक कार्यशैली से हम प्रतिदिन रू-ब-रू होते हैं.
मगर, चंद लोगों को ही पता होगा कि डीएम श्री आनंद एक अच्छे लेखक भी हैं एवं उनकी लिखित पुस्तक को सिविल सर्विसेज की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों द्वारा खूब पसंद की जा रही है.
पुस्तक में श्री आनंद ने तैयारियों के क्रम में अपनाये जानेवाले जिन जरूरतों की चर्चा की है, अगर विद्यार्थी उस हिसाब से कार्य करें, तो देश के टॉप समझे जानेवाले इग्जाम में सफलता प्राप्त की जा सकती है.
200 पन्नों की किताब में छिपा है सफलता का रहस्य : प्रभात प्रकाशन के सहयोग से डीएम श्री आनंद ने ‘सिविल सर्विसेज में सफल कैसे हो’ नामक 200 पन्नों की जो किताब लिखी है,
उसमें श्री आनंद ने अपने जीवन के संघर्षों के साथ-साथ, वर्तमान में सिविल सेवा के महत्व एवं इस परीक्षा में सफल होने के लिए तैयारियों के महत्वपूर्ण टिप्स दिये हैं.
पुस्तक में भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिचय, पद व पदाधिकार, परीक्षा का ढांचा, परीक्षा की तैयारी, बेहतर अंक पाने के सूत्र जैसे बिंदुओं की विस्तारपूर्वक व्याख्या होने से यह पुस्तक गागर में सागर का काम करती है.
यही कारण है कि यह पुस्तक सिविल सेवा की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के बीच उम्मीद का ‘दीपक’ जलाती है.
कार्य सिद्धि के लिए पांच बातें आवश्यक : एक अक्तूबर, 1982 को बिहार के सीतामढ़ी में जनमें दीपक आनंद ने वर्ष 2007 में सिविल सेवा की परीक्षा 55वें रैंक के साथ उत्तीर्ण की.
इसी के बाद सिविल सेवा की परीक्षा की तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों के मार्गदर्शन के लिए श्री आनंद ने यह पुस्तक लिखी. श्री आनंद ने पुस्तक में श्रीमद्भागवत गीता की पंक्तियों की व्याख्या करते हुए कार्य सिद्धि के लिए पांच बातों को आवश्यक बताया. ये बातें दृढ़ संकल्प, कर्ता, विभिन्न साधन, कठोर परिश्रम व ईश्वर कृपा हैं.
संघर्ष के सहारे सफलता पानेवाले व्यक्तित्वों का जिक्र : श्री आनंद ने अपनी इस पुस्तक में कई ऐसे व्यक्तियों का जिक्र किया है, जिन्होंने संघर्ष के सहारे सिविल सेवा जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा को पास कर साबित किया कि संसाधनों की अनुपलब्धता के बीच आत्मविश्वास के सहारे भी सफलता पायी जा सकती है.
किस तरह केरल के किसान की बेटी एनीज कनमणि जांय ने 2012 में इस परीक्षा को पास किया और कैसे नागौर के हुक्माराम चौधरी ने मजदूर से अपने गांव के पहले आइएएस बनने का गौरव प्राप्त किया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें