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देह झुलसाने वाली गरमी से लोग बेहाल
44 डिग्री पर पहुंचा पारा, लोगों का घर से निकलना हुआ दूभर गरमी बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानियां स्वत: बढ़ जाती हैं. लोग क्या करें व क्या न करें वाली स्थिति में पहुंच जाते हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे वे घर से बाहर निकलें. इस देह झुलसानेवाली गरमी […]
44 डिग्री पर पहुंचा पारा, लोगों का घर से निकलना हुआ दूभर
गरमी बढ़ने के साथ ही लोगों की परेशानियां स्वत: बढ़ जाती हैं. लोग क्या करें व क्या न करें वाली स्थिति में पहुंच जाते हैं. उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि कैसे वे घर से बाहर निकलें. इस देह झुलसानेवाली गरमी से हर तबका परेशान है. नौकरीपेशा लोगों को घर से बाहर निकलने पर काफी सतर्कता बरतनी पड़ रही है. लोगों के लिए घर से निकलना दूभर हो गया है. इससे बाजार पर भी असर पड़ रहा है.
छपरा (सारण) : तापमान 44 रहने के कारण सोमवार को भीषण गरमी से लोग तबाह रहे. आमजनों को जन-जीवन अस्त-व्यस्त रहा. बढ़ती गरमी के साथ पेयजल संकट भी गहराने लगा है. घरों से बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है. देह झुलसने वाली गरमी के कारण दिन भर लोग घरों में दुबके रहे. कार्यालय में कामकाजी लोग भी दिन में नहीं निकले. आवश्यक कार्यवश घर से निकलनेवाले लोग पूरी तरह मुंह ढक कर ही निकले.
दस दिनों से बढ़ी है गरमी
दस दिनों से भीषण गरमी बढ़ी हुई है. तापमान लगातार 44 के ऊपर है. सूर्योदय होते ही गरमी बढ़ जा रही है और शाम को सूर्यास्त के बाद तक गरमी का असर कायम रह रहा है. भीषण गरमी से तबाह लोग राहत पाने के लिए परेशान रह रहे हैं.
बिजली ने दिया दगा
गरमी बढ़ने के साथ बिजली भी दगा दे रही है. बिजली की आपूर्ति में कटौती की जा रही है.इस वजह से गरमी से परेशान लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गयी है. अनियमित विद्युत आपूर्ति होने से घरों में लगे पंखे, कुलर व एसी बेकार साबित हो रहे हैं. गरमी से बचने का कृत्रिम प्रबंध बिजली के बिना अनुपयोगी होने से लोग वैकल्पिक उपाय करने के विवश हैं. राहत पाने के लिए लोगों को जेनेरेटर तथा सौर ऊर्जा का सहारा लेना पड़ रहा है. गरमी के कारण जेनेरेटर तथा सौर ऊर्जा प्लेट, बैटरी, इनवर्टर आदि की बिक्री में तेजी आयी है.
पानी निकलना हुआ बंद
गरमी बढ़ने के साथ ही पेयजल संकट गहराने लगा है. शहर से लेकर गांव-देहात तक पेयजल की किल्लत हो गयी है. कम गहराई वाले चापाकलों ने पानी देना बंद कर दिया है. अनियमित विद्युत आपूर्ति के कारण लेकर स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के नलों से भी पानी नहीं गिर रहा है.
खास कर गरीब व दलित बस्तियों में सार्वजनिक नालों-चापाकलों पर पानी भरने के लिए लोगों को लाइन लगना पड़ रहा है. रेलवे स्टेशन तथा बस अड्डा एवं अन्य सार्वजनिक स्थलों पर शुद्ध पेयजल के लिए यात्रियों को भटकना पड़ रहा है. बोतलबंद पानी की बिक्री में तेजी आयी है.
बढ़ीं बीमारियां
भीषण गरमी के कारण मौसमी बीमारियों में भी इजाफा हो गया है. कै -दस्त, पेट दर्द, बदन दर्द, सिर दर्द, चक्कर आने की शिकायतें काफी बढ़ी हैं. सदर अस्पताल में आनेवाले मरीजों में सबसे अधिक मौसमी बीमारियों के शिकार मरीज आ रहे है. कै -दस्त के शिकार मरीजों के उपचार का प्रबंध अस्पताल में है.
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