छपरा (सारण): पटना में प्रदर्शनकारी विद्युत कर्मियों की पुलिस द्वारा की गयी पिटाई के विरोध में शनिवार को विद्युतकर्मी हड़ताल पर चले गये, जिससे कामकाज पूरी तरह ठप रहा. रात के करीब 10 से ढाई बजे व दिन के 11 से सवा 12 बजे विद्युत आपूर्ति ठप रही. हड़ताली कर्मचारियों ने विद्युत अंचल कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया. इस कारण दिन भर विद्युत कार्यालय आंदोलन की चपेट में रहा. विद्युत कार्यपालक अभियंता, सहायक अभियंता, कनीय से लेकर चतुर्थवर्गीय कर्मचारी भी हड़ताल पर रहे. हड़ताली विद्युतकर्मियों ने जम कर सरकार विरोधी नारे लगाये.
इस दौरान विद्युतकर्मियों ने अंचल कार्यालय के प्रांगण में बैठक कर मांगे माने जाने तक आंदोलन जारी रखने का एलान किया. बिहार राज्य विद्युत मजदूर यूनियन के रामलखन सिंह तथा फैयाज आलम ने कहा कि इस मामले में मुकदमा दर्ज कराये जाने पर पर भी विचार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा विद्युतकर्मियों के साथ घोर अन्याय हुआ है. दौड़ा-दौड़ा कर लाठी-डंडे से मारा गया.
उपभोक्ताओं में था आक्रोश
विद्युतकर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के कारण सभी कामकाज ठप रहे. विद्युत विपत्र की राशि जमा करने आये उपभोक्ताओं को बैरंग लौटना पड़ा. नये कनेक्शन के लिए आये लोगों को निराशा हाथ लगी. अधीक्षण अभियंता कार्यालय से लेकर प्रशाखा कार्यालय तक बंद रहे. विद्युत संबंधी समस्याओं को लेकर आये उपभोक्ताओं में आक्रोश था. विपत्रों में सुधार तथा मीटर रीडिंग दुरुस्त कारने, खराब मीटर बदलने जैसी शिकायतों को लेकर पहुंचे उपभोक्ताओं को भी काफी परेशानी हुई.
नहीं हुई छापेमारी
विद्युतकर्मियों की हड़ताल पर चले जाने के कारण शनिवार को विद्युत चोरी के खिलाफ छापेमारी अभियान नहीं चला. विद्युत चोरी रोकने और राजस्व में वृद्धि के लिए विद्युत बोर्ड द्वारा प्रतिदिन छापेमारी अभियान चलाने का निर्देश है, किंतु हड़ताल के कारण छापेमारी नहीं हो सकी, जिससे विद्युत चोरी करनेवालों की चांदी रही. इससे विद्युत बोर्ड को राजस्व की हानि उठानी पड़ी.
सात सूत्री हैं मांगें
आंदोलनकारी विद्युतकर्मियों की सात सूत्री मांगें हैं, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञ को एमडी बनाने, प्रशासनिक पदाधिकारियों को हटाने, वेतन विसंगति दूर करने, ठेका संविदा पर बहाली बंद करने, स्थायी नियुक्ति व बहाली बंद करने की मांगें शामिल हैं.