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18.5 हजार शिक्षक हड़ताल पर 2650 विद्यालयों में लटके ताले

जिले के सरकारी विद्यालयों के 10 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ठप सारण जिले के प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों के 18.5 हजार नियमित एवं नियोजित शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं. इस वजह से मंगलवार को जिले के सभी 2650 विद्यालयों में ताले लटक रहे हैं. वहीं, 2500 से ज्यादा प्रारंभिक विद्यालयों […]

जिले के सरकारी विद्यालयों के 10 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं की पढ़ाई ठप
सारण जिले के प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों के 18.5 हजार नियमित एवं नियोजित शिक्षक हड़ताल पर चले गये हैं. इस वजह से मंगलवार को जिले के सभी 2650 विद्यालयों में ताले लटक रहे हैं.
वहीं, 2500 से ज्यादा प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम भी ठप है. इससे मानदेय पर कार्य करनेवाले आठ हजार से ज्यादा रसोइये भी हड़ताल के कारण नहीं चाहते हुए भी ड्यूटी नहीं कर पा रहे हैं. हड़ताल के दौरान शिक्षकों द्वारा धरना, प्रदर्शन, उपवास, शिक्षा विभाग के कार्यालयों में तालाबंदी आदि आंदोलनात्मक कार्यो का भी अंजाम दिया जा रहा है.
छपरा (सदर) : सारण जिले के प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालयों के लगभग 18 हजार पांच सौ शिक्षक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं. इससे इन 2650 के करीब विद्यालयों में ताले लटक रहे हैं.
एक मई से माध्यमिक शिक्षकों तथा चार मई से प्राथमिक शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के बाद जिले के 10 लाख से ज्यादा इन सरकारी विद्यालयों के छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन पूरी तरह ठप हो गया है.
मूल्यांकन कार्य हुआ बाधित : पूर्व में 10 अप्रैल से विभिन्न प्रारंभिक विद्यालयों के नियोजित शिक्षक हड़ताल के दौरान उपवास, पुतला दहन आदि कार्यक्रम चलाते रहे तथा 15 अप्रैल से माध्यमिक शिक्षक संघ के आह्वान पर माध्यमिक शिक्षकों ने भी समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग को लेकर पहले 30 अप्रैल तक शैक्षणिक कार्यो का बहिष्कार किया.
अब सभी नियमित एवं नियोजित प्रारंभिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों के शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के बाद पहले तो इंटरमीडिएट एवं मैट्रिक की उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन बाधित हुआ. वहीं, नये सत्र में अब तक बच्चों का नयी कक्षाओं में नामांकन भी पूरा नहीं हो पाया है तथा जिनका नामांकन हुआ भी है, उनकी कक्षाएं भी शुरू नहीं हो पायी हैं.
2519 विद्यालयों के सात लाख बच्चे हो रहे एमडीएम से वंचित : सारण जिले के 2519 प्रारंभिक विद्यालयों में एमडीएम का संचालन होता है, जिनमें सात लाख बच्चे नामांकित हैं.
इन विद्यालयों में पढ़नेवाले औसतन चार लाख बच्चों का खाना बनता था. शेष तीन लाख बच्चे सामान्य दिनों में भी एमडीएम का भोजन नहीं लेते थे. मार्च 2015 में औसतन पांच लाख 64 हजार 297 बच्चों ने प्रतिदिन भोजन किया.
परंतु, अप्रैल में 10 से लेकर 30 के बीच यह संख्या कुछ हजारों में ही सिमट कर रह गयी. पांच मई को तो जिले के किसी भी विद्यालय में एमडीएम नहीं बनने की बात जिला मध्याह्न् कार्यालय ने स्वीकारी.
जिले में इन मध्याह्न् विद्यालयों में खाना बनानेवाले 8159 रसोइया भी विद्यालय बंद होने के कारण बेकार हो गये हैं. विद्यालयों में एक से पांच तक के बच्चों के लिए प्रति बच्‍चा 3.59 पैसे तथा छह से आठ तक के बच्चों के लिए 5.38 रुपये प्रति बच्च मिलता है. मार्च एवं अप्रैल 2015 के प्रारंभ में 2504 विद्यालयों में एमडीएम चलता था. जिला एमडीएम के प्रभारी अवधेश बिहारी के अनुसार, शिक्षकों के हड़ताल के कारण विद्यालयों में मई में एमडीएम का संचालन पूरी तरह ठप है.
कुछ नियमित शिक्षकों की कारगुजारियों की भी हो रहीं चर्चाएं
सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ से जुड़े कुछ नियमित शिक्षकों द्वारा पूर्व में संघ के आह्वान को नजरअंदाज कर पॉलिटेक्निक की परीक्षा में ड्यूटी करने तथा पांच मई तक डीइओ कार्यालय में कुछ शिक्षकों द्वारा अपने को हड़ताल में नहीं रहने के संबंध में पत्र देने की बात डीइओ ने बतायी.
उन्होंने कहा कि इन शिक्षकों के आवेदन का अवलोकन किया जा रहा है. उधर, इस संबंध में पूछे जाने पर सारण जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के सचिव राजाजी राजेश ने कहा कि माध्यमिक शिक्षक संघ के सभी शिक्षक पूरी तरह एकजुट हैं.
कुछ शिक्षकों द्वारा हड़ताल में नहीं होने के संबंध में डीइओ कार्यालय द्वारा कहे जाने के संबंध में उन्होंने कहा कि जिन लोगों द्वारा ऐसा पत्र दिया गया है, अगर डीइओ कार्यालय की बात सही हुई, तो निश्चित तौर पर उनकी विरुद्ध कार्रवाई होगी. उन्होंने कहा कि अनुदानित विद्यालयों के भी मुख्य गुट हमलोगों के साथ है. जिन लोगों ने अपने से हड़ताल से अलग रहने की बात कही है, वे विरोधी गुट के है.
छपरा : व्यवहार न्यायालय के न्यायिक दंडाधिकारी धर्मेद्र तिवारी ने दहेज प्रताड़ना अधिनियम में दोषी पाते हुए पति लाल सिंह को तीन साल की सजा और सजा के साथ-साथ तीन हजार अर्थदंड भी लगाया.
अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर तीन माह की और सजा भुगतनी होगा. बताते चलें कि छपरा सदर अस्पताल चौक निवासी चंदा देवी की शादी लाल सिंह से हुई थी. शादी के बाद उसे बराबर दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाता था.
उसे केरोसिन छींट कर आग लगाने का भी प्रयास किया गया. इस संबंध में चंदा देवी ने भगवान बाजार थाना कांड संख्या 123/01 अंकित करायी थी, जिसमें पति समेत 10 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया था. न्यायिक दंडाधिकारी ने साक्ष्य के अभाव में ससुर, सास समेत नौ लोगों को बरी कर दिया.

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