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मेहनत की कमाई जमा करने में बरतें सावधानी, कहीं लुट न जाएं आप

दर्जनों नॉन बैंकिंग कंपनियां लगा चुकी हैं करोड़ों रुपये का चूना छपरा (सदर) : विभिन्न नॉन बैंकिंग कंपनियों द्वारा आये दिन उपभोक्ताओं को नये-नये प्रलोभन देकर गहरी मेहनत के रुपये जमा कराने व अंतत: फरार होने के मामलों को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. एक ओर डीएम दीपक आनंद ने गैर बैंकिंग वित्तीय […]

दर्जनों नॉन बैंकिंग कंपनियां लगा चुकी हैं करोड़ों रुपये का चूना
छपरा (सदर) : विभिन्न नॉन बैंकिंग कंपनियों द्वारा आये दिन उपभोक्ताओं को नये-नये प्रलोभन देकर गहरी मेहनत के रुपये जमा कराने व अंतत: फरार होने के मामलों को जिला प्रशासन ने गंभीरता से लिया है. एक ओर डीएम दीपक आनंद ने गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी में राशि जमा करनेवालों के बारे में यह जानकारी जानने की जरूरत जतायी है कि वह संस्था आरबीआइ से पंजीकृत है या नहीं.
वहीं, इसके संबंध में प्रखंड स्तर पर, जिला स्तर पर संबंधित पदाधिकारियों को दूरभाष पर सूचना देने तथा जिला स्तर पर उपभोक्ता विवाद निवारण मंच या कंपनी विधि बोर्ड के क्षेत्रीय खंडपीठ से संपर्क करने की भी जरूरत जतायी है.
डीएम ने जिले के आम जनों के धन की रक्षा के लिए संबंधित सभी प्रखंड के बीडीओ एवं थानाध्यक्ष को निर्देश से संबंधित प्रति भी उपलब्ध करायी है, जिससे वे इस मामले में सूचना मिलने पर आवश्यक कार्रवाई कर सकें. पत्र में डीएम ने लिखा है कि जिस गैर वित्तीय बैंकिंग कंपनी का पंजीयन प्रमाणपत्र आवेदन रिजर्व बैंक के द्वारा अस्वीकृत किया जा चुका है, वे कंपनियां जमा अथवा जमा नवीकरण नहीं कर सकतीं. आरबीआइ द्वारा जारी पत्र गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी का कारोबार करने का प्राधिकार पत्र होता है.
मूल जमा राशियों अथवा उन पर ब्याज की चुकौती की न तो रिजर्व बैंक गारंटी देता है और ना ही वह आधिकारिक एजेंसी द्वारा बीमित होता है. जो गैर बैंकिंग कंपनी जमा स्वीकार करती है, उसे जमा राशि संग्रहण कार्यक्रम के लिए एक अनुमोदित क्रेडिट रेटिंग एजेंसी प्रदान किया जानेवाला न्यूनतम निवेश ग्रेड क्रेडिट रेटिंग प्राप्त करना होता है.
किसी भी गैर बैंकिंग संस्था में अपनी गहरी कमाई की राशि लगाने के पहले उपभोक्ताओं को पूरी तरह से जांच पड़ताल कर लेनी चाहिए, जिससे उनकी गहरी कमाई की राशि कोई ठग नहीं सके. उपभोक्ता अपनी जमा राशि के रक्षा के लिए उचित फोरम में भी गुहार लगा सकते हैं.
दीपक आनंद, डीएम, सारण
ग्रामीण निवेशक यहां कर सकते हैं शिकायत
यदि जमा राशि लेनेवाली गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी जमा राशि अथवा उस पर उचित ब्याज दर को चुकाने में असमर्थ होती है, तो प्रभावित जमाकर्ताअपनी शिकायत के निवारण के लिए जिलास्तरीय उपभोक्ता निवारण मंच या कंपनी विधि बोर्ड के क्षेत्रीय खंडपीठ से अपनी शिकायत के निवारण के लिए गुहार लगा सकते हैं. वहीं, प्रखंड स्तर पर बीडीओ तथा थानाध्यक्ष तथा जिला स्तर पर जिला बैंकिंग कोषांग तथा अग्रणी जिला बैंक प्रबंधक को निमAलिखित फोन नंबर पर सूचना दे सकते हैं.
दर्जन भर नॉन बैंकिंग करोड़ों लेकर हो चुकी है फरार
छपरा. कड़ी मेहनत के बाद कमाई गयी राशि को ग्रामीण क्षेत्र के भोले-भाले उपभोक्ताओं से ठगी कर दर्जन भर नॉन बैंकिंग कंपनियां अबतक जिले में फरार हो चुकी हैं, तो कुछ मामलों में संबंधित कंपनियों के निदेशक या अन्य पदाधिकारी सलाखों के पीछे जा चुके हैं. परंतु, लाखों भोले-भाले उपभोक्ताओं की राशि ठग कर भागनेवाली नॉन बैंकिंग कंपनियों में अपने करोड़ों रुपये गंवा चुके उपभोक्ता रातों-रात अपनी राशि गंवा चुके हैं. इस मामले में जिले में दर्जन भर मुकदमे भी हुए हैं.
परंतु, जिले में अभी भी कम-से-कम तीन दर्जन नॉन बैंकिंग कंपनियां अपनी कारगुजारियों व एजेंटों को भारी कमीशन देकर आमजनों से प्रतिदिन लाखों रुपये जमा कराने में सफल हो चुकी हैं.
अब तक जिले में जेवीजी, कोसीऑन, वृद्धि श्री, वेलफेयर इकोनॉमिक, पीएसीएल आदि के भागने तथा प्रशासन द्वारा उनके कार्यालयों को सील करने की कार्रवाई की गयी है. बावजूद ये गैर बैंकिंग कंपनियां अपने कारनामों से ग्रामीण क्षेत्रों के भोले-भाले उपभोक्ताओं को शिकार बना रही हैं.

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