छपरा (कोर्ट) : मशरक के गंडामन धर्मासती स्थित नवसृजित प्राथमिक विद्यालय में विषाक्त मध्याह्न् भोजन खाने से 23 बच्चों की हुई मौत मामले में सोमवार को गवाही हुई. अपर सत्र एवं न्यायाधीश द्वितीय विजय आनंद तिवारी के न्यायालय में विद्यालय की रसोइया पाना देवी, जिसने घटना के दिन खाना बनाया था, की गवाही हुई.
पाना देवी ने न्यायाधीश के समक्ष गवाही देते हुए कहा कि उस दिन उसे चावल तथा आलू और सोयाबीन की सब्जी बनायी थी. खाना खाते वक्त बच्चों ने कहा कि खाना ठीक नहीं लग रहा है फिर भी सभी ने थोड़ा बहुत खाना खाया. खाना खाने के उपरांत बच्चों को उलटी होने लगी और पेट में दर्द होने लगा. बच्चों को उनके अभिभावक उपचार के लिए मशरक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये, जहां चिकित्सक ने सबों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया.
उसने बताया कि खाना खानेवाले बच्चों में उसके दो पुत्र सुमन कुमार और रोहित कुमार तथा एक पुत्री निशा कुमारी भी शामिल थे और तीनों भी उलटी तथा पेट दर्द के शिकार हुए. दोनों पुत्रों में एक की सदर अस्पताल में तथा दूसरे की पीएमसीएच में उपचार के दौरान मौत हो गयी, जबकि पुत्री निशा कुमारी को चिकित्सकों ने बचा लिया. गवाही के दौरान इस मामले की मुख्य अभियुक्त विद्यालय की तत्कालीन प्रधान शिक्षिका मीना देवी अपने अप्राथमिकी अभियुक्त पति अजरुन राय के साथ न्यायालय में उपस्थित थी. न्यायाधीश ने दोनों की न्यायिक हिरासत की अवधि आठ अप्रैल तक बढ़ाते हुए पुन: उक्त तिथि को न्यायालय में प्रस्तुत होने का आदेश दिया है.