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सीडीपीओ का वेतन रोकने का आदेश

छपरा (सदर) : प्रधान सहायकों की बैठक में अनुपस्थित पांच प्रखंडों के सीडीपीओ तथा उनके कार्यालय के प्रधान सहायकों का वेतन डीएम ने अगले आदेश तक रोक दिया है. वहीं छपरा नगर पर्षद के प्रधान सहायक के कार्यकलापों से नाराज डीएम ने प्रधान सहायक व उनके कार्यालय के किसी भी कर्मी के भुगतान पर अगले […]

छपरा (सदर) : प्रधान सहायकों की बैठक में अनुपस्थित पांच प्रखंडों के सीडीपीओ तथा उनके कार्यालय के प्रधान सहायकों का वेतन डीएम ने अगले आदेश तक रोक दिया है. वहीं छपरा नगर पर्षद के प्रधान सहायक के कार्यकलापों से नाराज डीएम ने प्रधान सहायक व उनके कार्यालय के किसी भी कर्मी के भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है.
जिन प्रखंडों के सीडीपीओ व प्रधान सहायकों से कारणपृच्छा करते हुए उनका वेतन स्थगित करने का आदेश डीएम ने दिया है, उनमें दरियापुर, जलालपुर, इसुआपुर, अमनौर और दिघवारा प्रखंड शामिल हैं. डीएम दीपक आनंद शनिवार को प्रधान सहायकों के साथ समाहरणालय सभा कक्ष में प्रखंड एवं अंचल के प्रधान सहायकों के साथ बैठक कर रहे थे.
उन्होंने आरटीपीएस काउंटर पर प्राप्त होनेवाले आवेदनों को समय-सीमा के भीतर समाप्त करने तथा किसी भी स्थिति में बीडीओ एवं सीओ द्वारा अनुशंसित पेंशन संबंधी आवेदन को समय-सीमा के अंदर स्वीकृत करने का निर्देश तीनों अनुमंडल के अनुमंडल पदाधिकारी को दिया है. जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम से संबंधित मामलों में गड़खा, सोनपुर, दरियापुर को छोड़ कर शेष प्रखंडों में लंबित मामले सुनने हैं. परंतु, डीआरडीए में 84, नगर पर्षद, छपरा में 42, जिला भू-अजर्न में 24, जिला पंचायत में 42, जिला प्रोग्राम कार्यालय में 35, कृषि विभाग में 33, शिक्षा विभाग में 110 मामले लंबित रखने पर डीएम ने क्षोभ व्यक्त किया. उक्त सभी कार्यालयों के प्रधान सहायकों को संबंधित कर्मियों के साथ रविवार को समाहरणालय सभाकक्ष में पूरे दिन बैठ कर लंबित जनशिकायतों का निष्पादन तथा उनका एक्शन टेकेन रिपोर्ट संध्या गोपनीय कार्यालय में देने का निर्देश दिया गया.
वहीं आयुक्त एवं डीएम के जनता दरबार के मामलों को भी निबटाने का निर्देश दिया. बैठक में प्रखंड/अंचल एवं बाल विकास परियोजना के कार्यालयों में लंबित पत्रों एवं कैशबुक अद्यतन न होने के मामले को गंभीरता से लेते हुए डीएम ने एक जिलास्तरीय टीम गठन करने तथा प्रखंड एवं अंचल कार्यालयों में औचक छापामारी कर वित्तीय अनियमितता व अधिक शिकायतोंवाले प्रखंडों के संबंध में रिपोर्ट देने व उनके पदाधिकारी, प्रधान लिपिक, नाजिर एवं संबंधित लिपिक के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने तक की बात कही. सभी 20 प्रखंडों के प्रभारी पदाधिकारियों को अपने-अपने प्रखंडों में जाने व लेखा पुस्तकों की जांच से संबंधित रिपोर्ट उसी दिन रात के आठ बजे देने की बात कही.
उन्होंने वैसे पदाधिकारियों से भी जवाब-तलब करने की बात कही, जो सप्ताह में एक दिन भी अपने प्रखंड में भ्रमण नहीं करते. उन्होंने प्रधान लिपिकों को न्यायालय एवं सेवांत लाभ से संबंधित मामलों को यथाशीघ्र निबटाने व कार्यालयों की कार्यशैली हर हाल में बदलने की हिदायत दी. साथ ही कहा कि ऐसा नहीं हुआ, तो प्रशासन अब कार्रवाई में नहीं हिचकेगा. बैठक में जनशिकायत पदाधिकारी जेड अहमद, विशेष कार्य पदाधिकारी संजय वर्मा, डीपीआरओ बीके शुक्ला तथा सभी प्रखंडों के प्रधान सहायक उपस्थित थे.

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