छपरा (नगर) : शुक्रवार को जगदम कॉलेज में आयोजित कैरियर इन सायंस एंड एलाइड सब्जेक्ट विषयक कार्यशाला में छात्रों को 12वीं के बाद कैरियर के अलग–अलग विकल्पों की जानकारी मिली. वहीं, उपस्थित शिक्षकों को भी शिक्षण संबंधी कई टिप्स प्राप्त हुए. दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन जेपीविवि के कुलसचिव प्रो विजय प्रताप कुमार, मुख्य अतिथि लखनऊ विवि के पूर्व कुलपति प्रो मनोज कुमार मिश्र व नेशनल सायंस ओलिंपियाड के समन्वयक डॉ विजय ए सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.
अपने संबोधन में जेपीविवि के कुलसचिव ने कहा कि वर्तमान युग प्रतिस्पर्धा का है. उन्होंने कहा कि पढ़ाई कर रहे बच्चों पर मानसिक दबाव बढ़ता जा रहा है. ऐसे में शिक्षकों को भी पढ़ाने के साथ–साथ उनका मनोविज्ञान को भी समझना होगा. कुलसचिव ने छात्र व शिक्षकों को एक साथ कार्यशाला में शामिल करने को एक अच्छी पहल बताया.
स्वागत भाषण प्राचार्य डॉ प्रमेंद्र रंजन सिंह तथा परिचय डॉ राणा विक्रम सिंह ने किया. इस मौके पर सीपीएस के निदेशक हरेंद्र सिंह, प्राचार्य मुरारी सिंह, होली मिशन के निदेशक एसडी बर्मन, सीनेटर ब्रजकिशोर सिंह, प्रो मन्नवर हुसैन, सोलंकी बीएड कॉलेज के सचिव रामाकांत सिंह समेत विभिन्न कॉलेजों के शिक्षक व छात्र–छात्राएं उपस्थित थे.
12वीं के बाद हैं कई विकल्प
विशिष्ट अतिथि डॉ ए विजय सिंह ने कहा कि आइआइटी व मेडिकल के अलावा भी 12वीं के बाद कई विकल्प हैं. उन्होंने कहा कि आइआइएसइआर, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी समेत विभिन्न विवि द्वारा सायंस विषय से पीजी की पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को स्कॉलरशिप दी जाती है. उन्होंने कहा कि बच्चे शिक्षण, वैज्ञानिक के रूप में भी अपना कैरियर बना सकते हैं. उधर, लखनऊ विवि के पूर्व कुलपति सह आइआइटी, मुंबई के प्रोफेसर मनोज कुमार मिश्र ने प्रोजेक्टर के माध्यम से भौतिकुलर लेवल पर इलेक्ट्रॉन और प्रोट्रान के स्थानांतरण को विस्तार से बच्चों को समझाया.
* सफल लोगों से लें प्रेरणा
उधर, विज्ञान समेत विभिन्न क्षेत्रों में कैरियर व अवसर की जानकारी देते हुए प्राचार्य सह आयोजन समिति के संरक्षक डॉ प्रमेंद्र रंजन सिंह ने सोर्स ऑफ ऑफ इनकम बनाने के भी कई टिप्स दिये. प्राचार्य ने बच्चों से अपने क्षेत्र में सफल लोगों की जीवनवृत्त व जीवनी पढ़ने की बात कही. उन्होंने बच्चों से दूसरे में बदलाव की जगह स्वयं में बदलाव लाने की बात कही. उन्होंने उपस्थित छात्र व शिक्षकों से प्रतिदिन अपना स्व मूल्यांकन करने को कहा.