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कारगुजारियों से बाज नहीं आ रहे धंधेबाज
छपरा (सदर) : जिले में धान क्रय, जनवितरण के चावल, गेहूं आदि के वितरण तथा उठाव से जुड़े कुछ पदाधिकारियों, कर्मचारियों, पीडीएस दुकानदारों तथा ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से करोड़ों की अनियमितताएं उजागर होती रही हैं. इस मामले में निगरानी के समय-समय पर छापे के बाद कभी भारतीय खाद्य निगम, तो कभी राज्य खाद्य निगम के […]
छपरा (सदर) : जिले में धान क्रय, जनवितरण के चावल, गेहूं आदि के वितरण तथा उठाव से जुड़े कुछ पदाधिकारियों, कर्मचारियों, पीडीएस दुकानदारों तथा ट्रांसपोर्टरों की मिलीभगत से करोड़ों की अनियमितताएं उजागर होती रही हैं.
इस मामले में निगरानी के समय-समय पर छापे के बाद कभी भारतीय खाद्य निगम, तो कभी राज्य खाद्य निगम के पदाधिकारी, कर्मचारी तथा ट्रांसपोर्टर चपेट में आते रहे हैं. चावल, गेहूं आदि के घपले में तो जिले के एसएफसी के जिला प्रबंधक, कई एजीएम जेल जा चुके हैं, तो एफसीआइ के क्षेत्र प्रबंधक, गोदाम प्रभारी समेत कई पदाधिकारी निलंबित हो चुके हैं.
परंतु, सारण जिले में कालाबाजारियों की सांठ-गांठ में न तो अभी कमी आयी है और न ऐसे मामलों को रोकने के लिए संबंधित विभागीय पदाधिकारी ठोस कदम उठाते हैं.इससे सरकार की लोक कल्याणकारी व किसानों के हक की योजनाओं की बंदरबांट धड़ल्ले से हो रही है.
2008 के अगस्त में एसएफसी के जिला प्रबंधक समेत चार पदाधिकारी को निगरानी ने दबोचा था: सारण जिले में वर्ष 2008 के अगस्त में निगरानी विभाग ने राज्य खाद्य निगम के कृषि उत्पादन समिति, छपरा परिसर स्थित गोदाम, खलपुरा, बनियापुर, मढ़ौरा गोदाम पर छापेमारी कर एजीएम सच्चिदानंद सिंह, प्रभुनाथ सिंह तथा जिला प्रबंधक एमपी सिंह को गोदाम से भारी मात्र में चावल एवं गेहूं उठाव एवं वितरण में अनियमितता के मामले में पकड़ा था.
निगरानी विभाग के डीएसपी पीएन मिश्र ने इस मामले में निगरानी थाना कांड संख्या 14/08 दर्ज किया था. हालांकि, बाद में जिला प्रबंधक एमपी सिंह को निगरानी ने दोषमुक्त करार दिया, परंतु, अन्य के विरुद्ध मामला चल रहा है.
इस मामले में निगरानी ने शहर के कम-से-कम पांच दर्जन जनवितरण दुकानदारों के विरुद्ध भी कार्रवाई शुरू कर दी.
एसएफफसी के दरियापुर गोदाम के एजीएम पर 67 लाख के अनाज अनियमितता की प्राथमिकी: दरियापुर प्रखंड स्थित एसएफसी के अवकाशप्राप्त एजीएम शत्रुघA कुमार के खिलाफ पटना न्यायालय के निर्देश पर तत्कालीन एजीएम क्रांति कुमार सिन्हा ने दरियापुर थाने में कांड संख्या 37/2011 दर्ज करायी. इस एजीएम के द्वारा दिघवारा तथा परसा में अपनी पदस्थापना के दौरान 2002 से 2005 तक भंडार पंजी एवं वितरण पंजी का जहां प्रभार नहीं दिया गया था, वहीं इनके द्वारा 67 लाख रुपये मूल्य के 41 आइएसओ पर एक हजार 12 क्विंटल चावल गेहूं दो-दो बार जनवितरण दुकानदारों को आवंटित कर गबन किया गया.
2011 में कोल्हुआ स्थित एफसीआइ गोदाम पर निगरानी का छापा: बनियापुर प्रखंड के कोल्हुआ स्थित भारतीय खाद्य निगम के निजी मकान में चलनेवाले धान क्रय केंद्र पर अनियमितता के मामले में निगरानी ने छापेमारी की थी.
इसमें 2007-08 से लेकर 2010-11 तक धान अधिप्राप्ति में अनियमितता पकड़ी थी. 22-23 नवंबर, 2011 को हुई छापेमारी में कर्मचारियों के लिए होश उड़े थे, परंतु कमोबेश विभागीय लचर व्यवस्था व अपनी लंबी पहुंच की बदौलत इस धंधे में लिप्त धंधेबाज अपनी गरदन बचाने में सफल होते रहे हैं.
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