छपरा (कोर्ट) : सात वर्ष पूर्व शहर के एक चिकित्सक पुत्र का अपहरण कर लिये जाने के मामले में न्यायालय ने चार आरोपितों को दोषी करार दिया है. वहीं, आधा दर्जन अभियुक्तों को साक्ष्य के अभाव में बरी किये जाने का आदेश दिया है.
न्यायालय के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम मो. नइमुल्लाह ने गुरुवार को भगवान बाजार थाना कांड संख्या 173/97 के मामले में सुनवाई पूरी करते हुए मामले के चार अभियुक्तों सीवान के रघुनाथपुर निवासी विश्वनाथ सिंह, मनोज सिंह और कृषि मुनि सिंह के अलावा यूपी के बलिया के गडवाड थाना क्षेत्र के बलेसरा निवासी राजेश सिंह को अपहरण मामले में संलिप्त पाते हुए दोषी करार दिया है. वहीं, सुशील सिंह उर्फ मंटू सिंह, अनिल सिंह, शिव प्रताप सिंह, अनिल कुमार सिंह, घनश्याम राय और ओमप्रकाश सिंह को साक्ष्य के अभाव में बरी किये जाने का आदेश दिया है.
न्यायाधीश चारों अभियुक्तों को 20 दिसंबर को सजा सुनायेंगे. बताते चलें कि 21 अक्तूबर, 1997 को शहर के चिकित्सक डॉ राम एकबाल प्रसाद का पुत्र, जो शहर के ही एक विद्यालय में रिक्शे से जा रहा था, जिसे दो बाइकों पर सवार चार अपराधियों ने जबरन रिक्शे से उतार अपहरण कर लिया था. चिकित्सक पुत्र रवि कुमार, जो सातवें वर्ग का छात्र था, अपनी दो बहनों के साथ विद्यालय जा रहा था कि बस स्टैंड के समीप कोनिया माई मंदिर के पास से अपराधियों ने रवि का अपहरण कर लिया था. इस घटना की सूचना रिक्शा चालक रामेश्वर मांझी ने पहले चिकित्सक को दी, तत्पश्चात उसके बयान पर भगवान बाजार थाना में अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. पुलिस मामले की छानबीन कर ही रही थी कि यूपी खुरही निवासी विनोद सिंह का एक फोन चिकित्सक के पास आया कि आपका पुत्र मेरे पास सुरक्षित है आएं और ले जाएं. ज्ञात हो कि रवि को लाने के लिए सारण के तत्कालीन जिलाधिकारी प्रत्यय अमृत चिकित्सक के साथ विनोद सिंह के घर जाकर रवि को लाये थे. इस मामले में जिलाधिकारी द्वारा न्यायालय में बयान भी दर्ज करवाया गया था.