छपरा (नगर) : जिले के विभिन्न प्लस टू स्कूलों व कॉलेजों में नामांकन के लिए खूब मारामारी हो रही है. उधर, स्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक पार्ट वन व कॉलेज प्रशासन भी निर्धारित सीट के अनुसार नामांकन लेने में कोई कोताही नहीं बरत रहा है.
वहीं, नामांकन के बाद छात्रों को पढ़ायेगा कौन, इसको लेकर न तो स्कूल व कॉलेज के प्रशासन को चिंता है और न ही नामांकन करानेवाले छात्रों को. जिले के अधिकतर प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के पद खाली है. इससे भी बुरी स्थिति तो शहर के टॉप कॉलेजो की है. यहां कई विषयों में शिक्षक ही नहीं हैं.
वहीं, किसी कॉलेज में इक्के-दुक्के शिक्षक हैं भी, तो उनके ऊपर इंटरमीडिएट से लेकर पीजी तक के छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा है. जेपीविवि के टॉप कॉलेज माने जानेवाले राजेंद्र कॉलेज की बात करें, तो यहां सायंस फैकल्टी में मात्र 14 शिक्षक ही कार्यरत हैं. जबकि यहां स्वीकृत पद लगभग 30 हैं. सबसे हास्यास्पद बात तो यह है यहां केमेस्ट्री विभाग में मात्र एक शिक्षक कार्यरत हैं.
इनके जिम्मे इंटर से लेकर पीजी तक के छात्रों को पढ़ाने की जिम्मेवारी है. उधर, राम जयपाल कॉलेज में बॉटनी, साइकोलॉजी, केमेस्ट्री, अंगरेजी विभागों में मात्र एक ही शिक्षक है. वहीं, अन्य विषयों में भी मात्र दो से तीन ही शिक्षक कार्यरत हैं. कमोबेश जेपीविवि के सभी अंगिभूत कॉलेजों की यही स्थिति है.
उधर, जिले के प्लस टू स्कूलों की स्थिति भी इससे कोई जुदा नहीं है. सूत्रों की माने, तो जिले के अधिकतर स्कूलों में प्लस टू के लिए कोई शिक्षक ही नियुक्त नहीं है. जबकि, वहां भी धड़ल्ले से नामांकन किया जा रहा है.