छपरा(कोर्ट) : एक अभियुक्त द्वारा उच्च न्यायालय से अग्रिम जमानत स्वीकृत कराने के उपरांत निचली अदालत में उपस्थित हो जमानत प्राप्त कर कोर्ट से निर्गत मुक्ति आदेश व सरेंडर स्लिप को थाना में जमा करा देने के बावजूद उस अभियुक्त को पकड़ मारपीट करने व थाना हाजत में रखने का एक मामला सीजेएम कोर्ट में दाखिल किया गया है.
उक्त मामला अवतारनगर थाना क्षेत्र के प्रतापपुर निवासी व पीड़ित टोपाल प्रसाद की पत्नी जीरा देवी ने दर्ज कराते हुए अवतारनगर थाना के थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मियों को अभियुक्त बनायी है. आरोप है कि उसके पति पर वर्ष 2014 में एक मामला 123/14 दर्ज हुआ था, जिसमें पति अग्रिम जमानत के लिए उच्च न्यायालय में क्रिमिनल मिसलेनियस 27750/15 दाखिल किया और न्यायमूर्ति सुधीर सिंह ने 28 सितम्बर 2015 को याचिका स्वीकार कर निचली अदालत को जमानत देने का आदेश दिया. आदेश के आलोक में टोपाल प्रसाद ने निचली अदालत में बंधपत्र भरा और कोर्ट ने मुक्ति आदेश तथा सरेंडर स्लिप निर्गत कर दिया. इसकी कॉपी उन्होंने जाकर थाना में जमा करा दिया.
उसी मामले में थानाध्यक्ष 28 जनवरी की संध्या घर पर पहुंचे और पति को जबरदस्ती ले जाने लगे, जिसका विरोध पति और पतोहू ने किया तो उन्होंने दोनों के साथ मारपीट की और पति को जबरन पकड़ थाना ले गये लेकिन किसी मजिस्ट्रेट के कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया. दो दिनों बाद जब वह इसकी लिखित शिकायत एसपी से की तो उनके हस्तक्षेप से 30 जनवरी की संध्या पति को थाना हाजत से मुक्त किया गया. सीजेएम ने इस मामले को कार्रवाई हेतु न्यायिक मजिस्ट्रेट के कोर्ट में भेजा है.