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बालू नहीं मिलने से निर्माण कार्य ठप

छपरा (सदर) : खनन विभाग के प्रधान सचिव के सारण में विभिन्न घाटों पर जब्त बालू को पटना मंगाने के लिए निर्देशित किये जाने के बाद जिला प्रशासन विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती करने की कार्रवाई कर चुका है. इन विभिन्न घाटों पर लगभग 55 से 60 लाख रुपये कीमत की […]

छपरा (सदर) : खनन विभाग के प्रधान सचिव के सारण में विभिन्न घाटों पर जब्त बालू को पटना मंगाने के लिए निर्देशित किये जाने के बाद जिला प्रशासन विभिन्न घाटों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल की तैनाती करने की कार्रवाई कर चुका है.

इन विभिन्न घाटों पर लगभग 55 से 60 लाख रुपये कीमत की बालू हैं. जिनकी मात्रा लगभग छह लाख सीएफटी है. परंतु, सारण जिले में एक ओर जहां बालू के अभाव में आम जनों को परेशानी हो रही है. वहीं सरकार की सैकड़ों सड़क, पुल-पुलिया, भवन निर्माण आदि की योजनाएं बालू के अभाव में ठप पड़ी हुई है. इसे लेकर विभिन्न विभागों ने जिला खनन कार्यालय को पत्र देकर लाल बालू उपलब्ध कराने की गुहार लगायी है. उनका कहना है कि बालू नहीं मिलने के कारण योजनाएं लंबित हैं. कमोबेश यही स्थिति गिट्टी की भी है. आम जनों में इस बात को लेकर चर्चा है कि जब सारण जिले में विभिन्न घाटों पर जब्त बालू को पटना जिला में ले जाया जायेगा.

वैसी स्थिति में एक ओर बालू पटना ले जाने में अनावश्यक खर्च होगा. वहीं दूसरी ओर यदि सरकार इस बालू को संबंधित सरकारी एजेंसियों को उपलब्ध कराती तो, सरकारी कार्यों की रुकी गति में तेजी आती. अब जब जिला खनन निरीक्षक के निर्देश पर डीएम हरिहर प्रसाद ने विभिन्न 15 घाटों पर 26 मजिस्ट्रेट तथा 520 पुलिस बलों की तैनाती कर आदेश निर्गत कर दिया है तथा कई घाटों पर उनके ड्यूटी संभाल लेने की बात भी खनन विभाग के पदाधिकारी बताते हैं. ऐसी स्थिति में अब तो बालू के अवैध परिवहन पर रोक लगनी चाहिए. वहीं जिला प्रशासन ने बालू के भंडारण के लिए जिले के अलोनी तथा दरियापुर में भंडार गृह के लिए जमीन भी ली है तथा वहां कुछ जब्त बालू को रखा भी गया है.

वैसी स्थिति में जिला प्रशासन के लिए बेहतर होता की विभिन्न घाटों पर जब्त बालू को यथाशीघ्र हटाने तथा सुरक्षित जिला गोदाम में रखकर उसे सरकारी कार्य एजेंसियों को उपलब्ध कराती. इससे सरकारी कार्यों के निर्माण की रुकी रफ्तार में गति आती. छपरा से सोनपुर तक विभिन्न घाटों, दरियावगंज, बंगाली घाट, तिवारी घाट, मशान घाट, महुआ घाट, रहरिया घाट, डोमा घाट, कल्लू घाट, एलसीटी घाट, सब्बलपुर घाट, गंगाजल घाट, तेलपा घाट, झौवा घाट, मथुरापुर घाट, पहलेजा घाट पर जब्त बालू को बचाकर रखना जिले के बालू माफियाओं के कारण मुश्किल हो रहा था.

फलत: जिला प्रशासन ने खनन विभाग के पत्र के आलोक में ही मजिस्ट्रेट एवं पुलिस बल की तैनाती की है. परंतु, इस कार्य में लगे कुछ मजिस्ट्रेट व पुलिस बल अभी भी अपनी ड्यूटी नहीं संभाल पाये हैं.

वहीं ड्यूटी संभालने वाले कुछ मजिस्ट्रेट व पुलिस बल के जवानों में बालू माफियाओं की दबंगता से मन ही मन भय है. जिन विभागों ने बालू आपूर्ति के लिए खनन विभाग को गुहार लगायी है. उनमें पथ निर्माण विभाग ने 29 हजार सीएफटी के लिए, जिला परिषद ने 19 हजार, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 14 हजार घटन फिट, पलक इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने 50 सीएफटी, संत जलेश्वर फाउंडेशन ने 30 हजार सीएफटी आदि निर्माण विभाग के पदाधिकारी शामिल है.

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