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सरकारी बिजली से खेतों में छायेगी हरियाली

कवायद. पंडित दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत किसानों के खेतों तक पहुंचेगी बिजली दिघवारा : किसानों के लिए एक अच्छी खबर.अब अगले कुछ महीनों के अंदर आपके अच्छे दिन आयेंगे और सरकारी बिजली से न केवल आपके खेतों में लगी फसल लहलहायेगी, बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी. डीजल व पेट्रोल संचालित मशीनों […]

कवायद. पंडित दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत किसानों के खेतों तक पहुंचेगी बिजली

दिघवारा : किसानों के लिए एक अच्छी खबर.अब अगले कुछ महीनों के अंदर आपके अच्छे दिन आयेंगे और सरकारी बिजली से न केवल आपके खेतों में लगी फसल लहलहायेगी, बल्कि आपकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर होगी. डीजल व पेट्रोल संचालित मशीनों पर से निर्भरता कम होगी और आप खेती के लिए विद्युत संचालित मशीनों के अलावा अन्य उपकरणों की मदद ले सकेंगे. जी हां, केंद्र सरकार अब किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के उद्देश्य से उनके खेतों तक बिजली पहुंचायेगी,
ताकि आम किसान अपने खेतों के पास ही सरकारी बिजली प्राप्त करते हुए विद्युत संचालित मशीनों का उपयोग कर कम लागत पर बेहतर खेती कर सके और बेहतर फायदा उठाते हुए अपनी स्थिति को सुदृढ़ बना सके. किसानों को केंद्र सरकार द्वारा संचालित पंडित दीनदयाल ग्रामीण ज्योति योजना के तहत खेतों तक बिजली मिलेगी, उस बिजली का उपयोग किसान खेती के दरम्यान पटवन समेत अन्य कृषि कार्यों में कर सकेंगे. विद्युत विभाग द्वारा हर इच्छुक किसानों के खेतों तक कनेक्शन पहुंचाया जायेगा. किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने के लिए हर विद्युत सबस्टेशनों से दो एग्रीकल्चरल फीडर निकाले जा रहे हैं. इन एग्रीकल्चरल फीडरों के माध्यम से विभाग द्वारा खेतों तक बिजली पहुंचायी जायेगी और खेती के दरम्यान पर्याप्त बिजली दी जायेगी.
वीटीएल कंपनी कर रही है काम, चरणों में शुरू होगी बिजली की सप्लाइ : किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचाने का जिम्मा विंध्य टेली लिंक(वीटिएल)कंपनी को मिला है. अगले दो साल में प्रत्येक किसान के खेत तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है. इसी कंपनी द्वारा विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल सोनपुर अधीन पड़ने वाले दिघवारा, परसा, दरियापुर, शीतलपुर और सोनपुर आदि सबस्टेशनों में से दो एग्रीकल्चरल फीडर निकाले जा रहे हैं. बाद में डेरनी, मकेर और अकीलपुर सबस्टेशनों से भी ऐसा फीडर निकलेगा. इन फीडरों के सहारे इच्छुक किसानों के खेतों तक विद्युत पहुंचाने का लक्ष्य है. बारिश का मौसम खत्म होने के बाद वीटिएल कंपनी का कार्य रफ्तार पकड़ेगी. कंपनी का काम जिले के सभी सबस्टेशनों से दो अलग-अलग एग्रीकल्चरल फीडर को निकालते हुए खेतों तक दो विभिन्न क्षमताओं के ट्रांसफॉमर लगाने के साथ साथ एलटी तार खींचना है. किसानों को सबस्टेशन द्वारा कनेक्शन दिया जायेगा.
प्राथमिकता से मिलेगी किसानों को मिलेगी बिजली : किसानों को उनके खेतों तक निर्बाध बिजली मिले इसके लिए हर सबस्टेशनों में बने एग्रीकल्चरल फीडर में सुबह आठ बजे से शाम चार बजे तक प्राथमिकता के आधार पर बिजली की निर्बाध सप्लाइ दी जायेगी, ताकि किसान बिना किसी बाधा के अपना काम कर सके.
बीच खेतों में लगेंगे 63 और 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर : खेतों के बीच में कंज्यूमर की संख्या को देखते हुए 63 और 25 केवीए के ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे और उन्हीं ट्रांसफॉर्मरों की मदद से किसानों के खेतों तक बिजली पहुंचेगी, जिसका प्रयोग किसान खेती में कर सकेंगे. वीटिएल कंपनी को अगले दो साल के अंदर चरणबद्ध तरीके से जिले के हर सबस्टेशनों से एग्रीकल्चरल फीडर निकालते हुए हर खेतों तक बिजली पहुंचाने का टास्क मिला है. संभावना है कि अगले छह महीने के अंदर कई खेतों तक बिजली मिलनी शुरू हो जायेगी और दो साल के भीतर जिले के हर इच्छुक किसानों को उनके खेतों तक विभाग बिजली उपलब्ध करा देगा.
काम पूरा होने के बाद कनेक्शन देने का काम होगा शुरू : जानकारी के मुताबिक एग्रीकल्चरल फीडरों का काम पूरा होने के बाद इच्छुक किसानों को कनेक्शन देने का काम शुरू होगा. अभी यह तय नहीं है कि कनेक्शन मुफ्त मिलेगा या उसके लिए किसानों को कुछ राशि देनी पड़ेगी, मगर इतना तय है कि किसानों को कम दर पर बिजली मिलेगी, जिससे लागत कम तो फायदा ज्यादा होगा.
वीटीएल कंपनी को मिला है कार्य का जिम्मा, पोल लगाने का काम है शुरू
अगले छह महीने में खेतों तक बिजली पहुंचने की है संभावना
खेतों तक बिजली पहुंचने से क्या होगा फायदा
दिघवारा, सोनपुर और परसा प्रखंडों के हजारों किसानों के पटवन व अन्य कार्यों को लेकर मौसम पर निर्भरता कम होगी. समय पर सिंचाई होने से पैदावार अधिक होगा.
सरकार द्वारा किसानों को दी जानेवाली डीजल अनुदान की राशि में भी कमी आयेगी.
डीजल और पेट्रोल संचालित मशीन कम चलेंगे, जिससे डीजल और पेट्रोल की बचत होगी और प्रदूषण कम होगा.
बिजली से कृषि मशीनों के संचालित होने से खर्च कम होगा, जिससे किसानों को कम लागत लगेगी तो स्वाभाविक तौर पर फायदा ज्यादा होगा. डीजल संचालित मशीनों के रखरखाव पर खर्च होने वाली राशि से भी किसानों को भी मुक्ति मिलेगी.
बोले प्रोजेक्ट मैनेजर
दिघवारा,सोनपुर,परसा व शीतलपुर आदि जगहों पर सर्वे का काम पूरा होने के बाद लाइन अप्रूवल भी मिल गया है. जगह-जगह सबस्टेशनों से एग्रीकल्चरल फीडर निकाले जा रहे हैं और पोल लगवाएं जा रहे हैं. वर्षा के बाद काफी तेजी से काम शुरू होगा. चरणबद्ध तरीके से खेतों तक बिजली पहुंचायी जायेगी.
कुलदीप सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर. वीटिएल
क्या कहते हैं पदाधिकारी
विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल सोनपुर अधीन कई विद्युत सबस्टेशनों से वीटिएल कंपनी द्वारा दो एग्रीकल्चरल फीडर निकालने का काम शुरू है. कंपनी द्वारा खेतों तक बिजली पहुंचाने व कनेक्शन देने का काम साथ-साथ होगा.
मनोज कुमार, जेइ, परियोजना, विद्युत आपूर्ति अवर प्रमंडल सोनपुर

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