छपरा (सदर) : 2020-21 तक जिलेवासियों को पूर्णत: आर्सेनिक मुक्त जल उपलब्ध होगा. सरकार ने राष्ट्रीय पेयजल गुणवत्ता मिशन तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निश्चय योजना के तहत प्रथम चरण में विभिन्न पंचायतों के 60 वार्डों में लगभग 22 करोड़ की मिनी पेयजल आपूर्ति योजना शुरू करने जा रही है. जिसमें 15 योजनाओं को स्वीकृति सरकार से मिली चुकी है तथा शेष 30 योजनाओं के लिए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने प्रोजेक्ट बनाकर भेज दिया है.
सितंबर के अंत तक इस योजना के तहत प्रत्येक जलापूर्ति वाली योजना के मुख्य मशीन में आर्सेनिक मुक्त पानी सप्लाइ करने वाली मशीन लगी रहेगी. जिससे पेयजल स्वत: आर्सेनिक मुक्त हो जायेगा.
औसत 45 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं प्रत्येक मिनी जल आपूर्ति योजना में : विभागीय कार्यपालक अभियंता की माने तो इस मिनी जलापूर्ति योजना के तहत औसत 45 लाख रुपये प्रति योजना खर्च होंगे. इसके तहत चिह्नित वार्डों में जलापूर्ति हेतु बोरिंग करने के साथ-साथ मशीन लगाने व संबंधित वार्ड के हरेक घर में पाइप से जलापूर्ति की व्यवस्था की जायेगी. जिससे लोगों को आर्सेनिक मुक्त पानी मिलने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो.
इस योजना के तहत दिघवारा, सोनपुर, रिविलगंज, मढ़ौरा, छपरा सदर, पानापुर के 17 पंचायतों के 60 वार्डों में जलापूर्ति की व्यवस्था हो जायेगी. इसके लिए विभाग हर हाल में सितंबर के अंतिम सप्ताह तक काम शुरू कराने की तैयारी में है.
दिघवारा प्रखंडगोराइपुर, रहिमनपट्टी, श्रीनगर, रघुनाथपुर, गोसाइपुर, त्रिलोकचक, झौआ, धारीपुर, रामदासचक, सलहनी, अकिलपुर, बाकरपुर
रिविलगंज प्रखंडरामेश्वर टोला, आलेख टोला, गरीबा टोला, हरिजन टोला, महापात्रा टोला
छपरा सदर प्रखंडडुमरी, सब्बलपुर, चकिया, बलवन टोला,नजरमिरा
पानापुर प्रखंडहरिजन टोला, गणी मइया टोला, रामपुर रुद्र, बहरा खास, पिपरा खास
तरैया प्रखंडगवंद्री, गवंद्र नार्थ
इसुआपुर प्रखंडबुनीलाल साह का टोला
मढ़ौरा प्रखंडमलछी टोला
नगरा प्रखंडजॉनपुर, नगरा
क्या कहते है पदाधिकारी
राष्ट्रीय जलापूर्ति गुणवत्ता सब मिशन तथा मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल गुणवत्ता निश्चय योजना के तहत लगभग 22 करोड़ रुपये की लागत से प्रथम चरण में 45 मिनी जलापूर्ति योजनाओं पर काम सितंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू करने की तैयारी है. प्रत्येक योजना में औसत 45 लाख रुपये खर्च होंगे. जिससे संबंधित आर्सेनिक युक्त पानी वाले प्रखंडों के गांवों में रहने वाले लोगों को 2020 तक आर्सेनिक मुक्त जल उपलब्ध हो सके.
मनोज कुमार , कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी, सारण