21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अस्पताल से मरीजों को नहीं मिलती दवाएं

समस्या. आइएसओ मान्यता प्राप्त अस्पताल, नजर नहीं आती है कोई सुविधा सोनपुर : सोनपुर का अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासनिक उदासीनता के कारण नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. शासन-प्रशासन के कागजों में इस अस्पताल को आइएसओ का दर्जा प्राप्त है. अस्पताल में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है, साफ-सफाई की […]

समस्या. आइएसओ मान्यता प्राप्त अस्पताल, नजर नहीं आती है कोई सुविधा

सोनपुर : सोनपुर का अनुमंडलीय अस्पताल प्रशासनिक उदासीनता के कारण नाम बड़े और दर्शन छोटे वाली कहावत को चरितार्थ कर रहा है. शासन-प्रशासन के कागजों में इस अस्पताल को आइएसओ का दर्जा प्राप्त है. अस्पताल में मरीजों का इलाज भगवान भरोसे है, साफ-सफाई की व्यवस्था भी अनुमंडलीय अस्पताल के अनुरूप नहीं है.
मरीजों को घंटो इंतजार करना पड़ता है, तब जाकर अस्पताल के कर्मचारी से मुलाकात हो पाती है. हालांकि पहले से मरीजों की संख्या में बढोत्तरी के साथ-साथ अस्पताल की व्यवस्था में भी सुधार हुआ है, लेकिन वह नाकाफी है. सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है कि अस्पताल में रोस्टर के अनुसार डॉक्टर मौजूद नहीं रहते हैं. महिला डॉक्टर रात में नहीं रहती है. महिलाओं को प्रसव के लिए नर्सों के भरोसे छोड़ दिया जाता है. रात में आसपास के नर्सिंग होम के बिचौलिये अस्पताल परिसर में टहलते नजर आते हैं.
थोड़ी सी परेशानी होने पर नर्स द्वारा तुरंत आनन-फानन में मरीज को रेफर कर दिया जाता है. कहने को रोस्टर बोर्ड भी अस्पताल परिसर में लगाया हुआ है, लेकिन लिखे हुए नाम को आप नहीं पढ़ सकते है. पीने के लिए लगाये गये आरओ भी खराब हैं. जिसके कारण शुद्ध पानी मरीजों को नहीं मिल पाता है. अस्पताल परिसर से लेकर बाहर तक अस्पताल का अपना क्वार्टर है, लेकिन उसमें कोई नहीं रहता है. अधिकांश डॉक्टर बाहर से आते हैं, जिसके कारण आठ बजे के बदले कोई नौ बजे तो कोई दस बजे अस्पताल में आते है. दो से तीन डॉक्टर चार से पांच सौ मरीजों को एक दिन में कैसे देखते है, यह तो लोगों के समझ में नहीं आता है. जुगाड़ टेक्नोलॉजी के तहत यहां अधिकांश कामों का निबटारा होता है. रोगी कल्याण समिति की बैठक भी भगवान भरोसे ही होता है. इमर्जेंसी से लेकर ड्रेसिंग रूम तक का बुरा हाल है. किसी भी बेड पर चादर नजर नहीं आता है. ड्रेस में नहीं होने के कारण कौन मरीज है और कौन अस्पताल कर्मी यह पता नहीं चलता है.
ड्रेसिंग रूम हो या वार्ड हो इस अस्पताल में जितने भी स्टील के ट्रे हो या बेड हो या टेबल सब में जंग लगा हुआ है.
अस्पताल में ओपीडी में 33 दवाओं के बदले 24 दवाए उपलब्ध है. वही आइपीडी में 112 के बदले 53 दवाएं उपलब्ध है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें