उपेक्षा. शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों का एकमात्र केंद्र है एकता भवन
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फंडिंग के पेच में फंसी एकता भवन की रिमॉडलिंग
उपेक्षा. शहर की सांस्कृतिक गतिविधियों का एकमात्र केंद्र है एकता भवन अधिकारियों के कार्यालय हाइटेक, पर उपेक्षित है एकता भवन छपरा : सारण जिले की सांस्कृतिक गतिविधियों का एकमात्र केंद्र ‘ एकता भवन’ की रिमॉडलिंग का कार्य विभाग द्वारा होने वाले फंडिंग के पेच में फंस गया है. गत दो वर्ष पहले नगर विकास एवं […]
अधिकारियों के कार्यालय हाइटेक, पर उपेक्षित है एकता भवन
छपरा : सारण जिले की सांस्कृतिक गतिविधियों का एकमात्र केंद्र ‘ एकता भवन’ की रिमॉडलिंग का कार्य विभाग द्वारा होने वाले फंडिंग के पेच में फंस गया है. गत दो वर्ष पहले नगर विकास एवं आवास विभाग ने तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार की पहल पर इस जर्जर ऑडिटोरियम की रिमॉडलिंग की स्वीकृति दी थी. दो वर्ष से भी ज्यादा समय बीत गया है, पर एकता भवन के रिमॉडलिंग का कार्य आज तक पूरा नहीं किया जा सका. हैरत तो तब होती है जब शहर के सबसे पॉश इलाके में स्थित इस भवन पर न तो आयुक्त की नजर पड़ती है और न डीएम साहब की.
जब दो बड़े अधिकारी अंजान बने रहें तो और की तो बात ही अलग है. दो साल में कई पुराने प्रशासनिक भवनों का जीर्णोद्धार किया गया और आलाधिकारी बड़े चाव से अपने हाइटेक कार्यालयों में बैठक योजनाओं को गति देने का काम करते हैं पर सारण के एकमात्र रंगमंच के मेंटेनेंस को निर्धारित समय पर पूरा कराने की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं जा रहा है.
रिमॉडलिंग को लेकर क्या है पेच : एकता भवन की रिमॉडलिंग में सबसे बड़ा पेच फंड का अभाव है. पहले चरण में शेड्यूल वर्क के लिए जो राशि स्वीकृत हुई, उसमें बाउंड्रीवॉल, फ्लोरटाइल्स, बाथरूम तथा ग्रीन रूम के मेंटेनेंस का कार्य होना था.
संवेदक तेजनारायण राय ने इस कार्य पूरा कर दिया है. दूसरे फेज में नन शेड्यूल वर्क, जिसमें भवन की छत, साउंड सिस्टम, रंग-रोगन, कुरसियां आदि की व्यवस्था की जानी है. डूडा ने नन शेड्यूल वर्क के लिए जो लिस्ट भेजी, उससे विभाग संतृष्ट नहीं हुआ और लगभग एक वर्ष तक फाइल पेंडिंग में पड़ी रही. इस बीच तत्कालीन डीएम दीपक आनंद ने अक्तूबर, 2016 तक एकता भवन के रिमॉडलिंग का कार्य हर हाल में पूरा कर लेने का निर्देश भी दिया. इसके बाद भी नन शेड्यूल कार्यों के लिए राशि स्वीकृत कराने में उदासीनता बरती गयी और आज तक रिमॉडलिंग कार्य पूरा नहीं हो सका.
में स्थित मजहरूल हक एकता भवन महज एक ऑडिटोरियम ही नहीं बल्कि कौमी एकता का प्रतीक है. समाज के हर वर्ग ने जिस एकजुटता के साथ इस रंगमंच पर अपनी प्रस्तुतियां दी हैं वह सारण के लिए एक मिसाल है. सारण के प्रबुद्ध समाजसेवी शिवाजी राय आयदे ने हिंदी-मुसलिम एकता की मिसाल के तौर पर एकता भवन की नींव रखी थी, जो वर्षों तक सांप्रदायिक सौहार्द को प्रदर्शित करता रहा. सारण के कई नामचीन कलाकार, जो आज राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं,
उन्होंने एकता भवन के मंच से ही अपने कैरियर का आगाज किया है. एक हजार सीट की क्षमता वाले इस विशाल भवन में 2014 तक लगभग सभी सांस्कृतिक व प्रशासनिक कार्यक्रम भी आयोजित लिए जाते रहे हैं. प्रशासन द्वारा 15 अगस्त व 26 जनवरी को होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शहरवासियों को बेसब्री से इंतजार रहता था. दो वर्षों से रिमॉडलिंग के इंतजार में एकता भवन का वह विशाल मंच सूना पड़ा है.
2.10 करोड़ की लागत से होनी थी रिमॉडलिंग अधिकारियों ने दिखायी उदासीनता
करोड़ों की लागत से होनी थी रिमॉडलिंग
एकता भवन की रिमॉडलिंग के लिए दो करोड़ 10 लाख 90 हजार की प्राक्कलित राशि तय की गयी थी, जिसमें पहले चरण में लगभग एक करोड़ की राशि स्वीकृत कर भेज दी गयी. कार्यकारी एजेंसी को नगर पर्षद के तहत रिमॉडलिंग का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया. संवेदक द्वारा पांच सितंबर, 2015 को जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया गया. पहले चरण में शिड्यूल वर्क के लिए फंड स्वीकृत किया गया पर शेड्यूल वर्क पूरा होने में ही लगभग डेढ़ वर्ष से ज्यादा का समय लग गया. नन शिड्यूल वर्क के लिए डूडा ने जिन चीजों की लिस्ट और उसकी लागत राशि की सूची विभाग को भेजी, उसे रिजेक्ट कर दिया गया और नन शेड्यूल वर्क पेंडिंग में चला गया. जिस कारण नन शिड्यूल कार्यों के लिए फंड की स्वीकृति नहीं मिल सकी.
रिमॉडलिंग कार्य को एक वर्ष में पूरा कर लिया जाना था, पर 12 माह की अवधि बीत जाने के बाद भी रिमॉडलिंग का कार्य पूरा नहीं किया जा सका.
दो बार आये सीएम, पर नही लिया संज्ञान
सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की सभी रंगशाला और सांस्कृतिक तथा प्रशासनिक भवनों के जीर्णोद्धार को अपनी विकास योजनाओं के प्राथमिक सूची में रखा है. इस बाबत सारण में कई कार्यालयों की रिमॉडलिंग भी की गयी. इस बीच सीएम का दो बार छपरा आगमन हुआ जहां उन्होंने विकास की तमाम योजनाओं की समीक्षा की. दोनों बार की मीटिंग में एकता भवन के रिमॉडलिंग का मुद्दा न तो किसी प्रशासनिक अधिकारी ने उठाया और न ही किसी जन प्रतिनिधि ने.
जिस सारण समाहरणालय में बैठ कर डीएम ने दो बार समीक्षा बैठक की, जबकि एकता भवन वहां से महज कुछ ही कदम की दूरी पर है. सीएम भी कई बार एकता भवन में आयोजित पार्टी के कार्यक्रमों में भी शामिल हो चुके हैं और ऑडियोरियम के मंच से कई बार विकास के वादों का हुंकार भर चुके हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
एकता भवन का मामला पहली बार मेरे संज्ञान में आया है. इसकी रिमॉडलिंग कार्य को यथाशीघ्र पूरा किये जाने के लिए आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे. इसके बाद भी अगर कोई लापरवाही बरती गयी है, तो कार्रवाई होगी.
चेतनारायण राय, सदर एसडीओ सह मुख्य प्रशासक नगर निगम, छपरा
नन शेड्यूक वर्क रुका हुआ है. इसमें लगने वाली सामग्री की जो लिस्ट भेजी गयी थी, उसमें कुछ त्रुटियां थीं जिसके कारण समय पर फंड स्वीकृत नहीं हो सका. एक माह पूर्व फंड स्वीकृत हो गया है. एक सप्ताह में कार्य प्रारंभ हो जायेगा.
एसएस तिवारी, कार्यपालक अभियंता, डूडा
शेड्यूक वर्क के प्रायः सभी कार्य किये जा चुके हैं. नन शेड्यूल के लिए एक माह पहले 61 लाख की राशि स्वीकृत हुई है. हालांकि रिमॉडलिंग में अभी चार माह और लग सकते हैं पर हमारा प्रयास है कि अगस्त तक इसे तैयार कर लिया जाये. अगर समय पर फंड मिल जाता, तो कार्य पूरा करा लिया जाता.
तेजनारायण राय, संवेदक
क्या कहते हैं कलाकार
एकता भवन कई महत्वपूर्ण सांस्कृतिक आयोजनों का साक्षी रहा है. मुबारक बेगम, तीजन बाई, मनौवर राणा, राजन-साजन मिश्र जैसे ख्याति प्राप्त कलाकारों ने यहां अपनी प्रस्तुति दी है. इसके जीर्णोद्धार में हो रही देरी से सारण के कला प्रेमियों में काफी निराश है. बृहत सांस्कृतिक आयोजनों में काफी कमी आयी है.
उदय नारायण सिंह,लोक कलाकार
कई दशकों से एकता भवन में महत्वपूर्ण आयोजन होते आये हैं. यह जिले का एक मात्र रंगमंच है. पिछले वर्ष ही इसकी रिमॉडलिंग कार्य पूरा हो जाने की बात थी पर अब तक यह कार्य पूरा नहीं किया जा सका है. कलाकारों में घोर निराशा है. प्रशासन को इस विषय में गंभीर होना चाहिए.
पं राजेश मिश्र, सांस्कृतिक कर्मी
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