छपरा (सदर) : बच्चों को उनके अधिकार दिला कर सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका समाज के हर वर्ग की है. सरकार ने इसी उद्देश्य से जिला से लेकर पंचायत स्तर तक बाल संरक्षण समितियों का गठन किया है. जिससे उनके अधिकारों के हनन पर रोक लगाते हुए समुचित विकास का मौका दिलाने का काम संबंधित […]
छपरा (सदर) : बच्चों को उनके अधिकार दिला कर सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका समाज के हर वर्ग की है. सरकार ने इसी उद्देश्य से जिला से लेकर पंचायत स्तर तक बाल संरक्षण समितियों का गठन किया है. जिससे उनके अधिकारों के हनन पर रोक लगाते हुए समुचित विकास का मौका दिलाने का काम संबंधित समितियां करें.
ये बातें डीएम हरिहर प्रसाद ने शुक्रवार को डीआरडीए के सभाकक्ष में समेकित बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत प्रखंड एवं ग्राम पंचायत स्तरीय बाल संरक्षण समिति के गठन एवं सुदृढ़ीकरण के लिए सदर अनुमंडल स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कही. उन्होंने कहा कि कानूनी दायित्वों के साथ-साथ नैतिक दायित्व निभाकर बच्चों को उनका बेहतर बाल जीवन दे सकते है. इस अवसर पर जिला पदाधिकारी ने समितियों के कार्य एवं भूमिकाओं, बैठक की प्रक्रिया तथा समाज कल्याण विभाग द्वारा उनके कल्याण के लिए चलायी जाने वाली परवरिश पोक शो, बाल श्रम निषेध कानून, किशोर न्याय अधिनियम आदि की चर्चा की.
बाल अधिकारों से जुड़ी ‘अम्माजी कहती है’ फिल्म का प्रदर्शन : एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में सदर अनुमंडल के 11 प्रखंडों से आये बाल संरक्षण समिति के अध्यक्ष समेत अन्य पदाधिकारियों व सदस्यों यथा प्रमुख, उप प्रमुख, आरडीओ, पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी, सीडीपीओ तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के बीच ‘अम्माजी कहती है’ फिल्म का प्रदर्शन कर उनके अधिकारों को बताया गया. दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला में अपर समाहर्ता अरूण कुमार, डीडीसी सुनील कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक सत्यनारायण कुमार आदि ने भी विचार रखें.
कार्यशाला में उपस्थित सैकड़ों की संख्या में उपस्थित समिति के सदस्यों सह पदाधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र में बच्चों की सुरक्षा हेतु सतत प्रयत्नशील रहने का संकल्प लिया. इस दौरान सभी ने शिक्षा से हो रहे बच्चों का नामांकन विद्यालय में कराना.