समस्तीपुर : बीते मंगलवार को नगर निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद अब सभापति व उपसभापति पद की राजनीति चरम पर है. सभापति व उपसभापति पद के दावेदार कई दिग्गज अपने पक्ष में पार्षदों को गोलबंद करने में जुट गए हैं. कई दिग्गज अपने समर्थक पार्षदों के साथ तीर्थाटन को रवाना हो गए तो कई […]
समस्तीपुर : बीते मंगलवार को नगर निकाय चुनाव परिणाम आने के बाद अब सभापति व उपसभापति पद की राजनीति चरम पर है. सभापति व उपसभापति पद के दावेदार कई दिग्गज अपने पक्ष में पार्षदों को गोलबंद करने में जुट गए हैं. कई दिग्गज अपने समर्थक पार्षदों के साथ तीर्थाटन को रवाना हो गए तो कई निकलने की तैयारी में जुटे हैं.
माना जा रहा है कि ये सभी सभापति व उपसभापति के चुनाव के एक दिन पहले तीर्थाटन से वापस लौटेंगे. कुछ दिग्गजों को तो हार का सामना भी करना पड़ा लेकिन वे अपने सगे-संबंधी को जीत दिलाने में कामयाब रहे. रिजल्ट आने के बाद नगर परिषद बोर्ड के गठन को ले दो गुट अभी तक पूरी तरह सक्रि य दिख रहे हैं. एक गुट के लगभग छह वार्ड पार्षद धार्मिक यात्रा पर रवाना हो गए. इस धार्मिक यात्रा में 6 पार्षदों के साथ सभापति पद की सशक्त दावेदार मानी जा रही पार्षद भी शामिल है. अगर सभापति व उपसभापति के चुनाव तक ये सभीछह पार्षद एक गुट में रह गए तो निश्चित तौर निकाय चुनाव परिणाम की तरह नये बोर्ड के गठन में भी बदलाव की बयार देखने को मिलेगी.
खुलने को तैयार नहीं : कोई दावेदार खुलने को तैयार नहीं है. सभी एक दूसरे की चाल पर नजर रखे हुए हैं. हर दावेदार खुद को ईमानदार बताते हुए पिछले बोर्ड का उदाहरण देते हुए वार्ड पार्षदों का मत अपने पक्ष में करने की चाहत रख रहे है. पिछले बोर्ड में विकास का कार्य नहीं हुआ. यह कहने वाले तो कई हैं. पर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होने के लिए धनबल का सहारा लेने के लिए तत्पर है. लेकिन रेट अब तक नही खुला है. एक दो ऐसे भी पार्षद है जो वोट के लिये नोट की प्रचलन को लोकतंत्र के लिए आत्मघाती कदम बता कर ईमानदारी का मिसाल पेश करने की कसम खा ली है. अब देखना यह है कि हॉट सीट यानी चेयरमैन की कुर्सी की दौड़ में कौन अपने आप को फिट साबित करता है.
किंग मेकर के मंसूबे पर बहुत कुछ निर्भर:खिचड़ी भोज की सफलता के लिए एक कुशल कारीगर की जरूरत पड़ती है. पूर्व के भी भोज में कारीगर की अहम भूमिका रही है. चहुंओर पक रही खिचड़ी के दौरान इस कारीगर की मंसूबा पर ही बहुत कुछ निर्भर है. इस कुशल कारीगर को किंग मेकर के रूप में भी जाना जाता रहा है.