पूसा : डाॅ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के संचार केंद्र में मौसम के बदलते परिवेश में सुक्ष्म जीवाणु संसाधन का खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रबंधन विषय पर तीन दिनी ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों का सम्मेलन आहूत किया गया. कुलपति डाॅ आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि बदलते हुए मौसम के परिवेश में सुक्ष्म जीवाणु का अहम रोल है.
बिहार का वेट लैंड कहा जाने वाला सुक्ष्म जीवाणु का तिजोरी है. सिर्फ अब जरुरत है कि अनुसंधान के बलबूते इसे खोज निकाला जाये. कृषि विश्वविद्यालय परिसर में ही हाइ-टेक संग्राहालय का निर्माण कराने का प्रयास किया जा रहा है. अंडमान निकोबार के ज्वालामुखी के पास एक इस तरह का सुक्ष्म जीवाणु का खोज किया गया है, जो 72 डिग्री सेल्सियस तापक्रम तथा 33 पीपीएम को आसानी से झेल पाता है.
अब इस क्षेत्र में भी इसी प्रकार की सुक्ष्म जीवाणु की जरूरत आ पड़ी है. इससे पूर्व मुख्य अतिथि को शाल, बुके व पुष्प गुच्छ से स्वागत किया गया. साथ ही पं सत्यनारायण मिश्र के माध्यम से छात्राओं ने स्वागत गीत की प्रस्तुति की. क्लाइमेट चेंज से संबंधित वैज्ञानिकों के माध्यम से लिखित पुस्तक का भी मुख्य अतिथि ने विमोचन किया. सम्मेलन का संचालन स्नातक कृषि की छात्रा आदित्या प्रीतम मीनाक्षी, मीनाक्षी कुमारी, मेनका कुमारी ने संयुक्त रूप से की. वहीं धन्यवाद ज्ञापन एडीआर डाॅ मिथिलेश कुमार ने की. मौके पर ऑर्गेनाइजर सचिव डाॅ एमएन झा, मुख्य सूचना पदाधिकारी डाॅ दिव्यांशु शेखर सहित डाॅ, महेश कुमार, डाॅ संजय राय, डॉ एसके मिल्लक के अलावे कृषि विश्वविद्यालय से अधिष्ठाता, निदेशक व वैज्ञानिकों एवं छात्र व छात्राओं ने अपनी सहभागिता दी.