समस्तीपुर : पिछले तीन-चार दिनों से अचानक बढ़े ठंड की वजह से हर वर्ग एवं आयु वर्ग के लोग प्रभावित हो रहे हैं. ठंड से बचने का हर संभव कोशिश की जाती है. चाहे वह महिलाएं हो या पुरुष, बच्चे हों या बूढ़े, हर किसी को ठंड अपने आगोश में लेता है. ठंड के दौरान सर्वाधिक खतरा गर्भवती महिलाओं को रहता है. इसलिए ऐसी महिलाओं को ठंड से बचने का हर संभव प्रयास करना चाहिए. यह कहना है स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ मंजू सहाय का. डाॅ श्रीमति सहाय के मुताबिक गर्भवती महिलाओं को ठंड से बचना चाहिए.
ठंड लगने पर सर्दी खांसी हो सकती है. खांसी के कारण पेट में पल रहे बच्चे पर भी असर पड़ता है. खांसते खांसते पेट में दर्द हो सकता है, जिससे खुद के साथ साथ पेट में पल रहे बच्चे को भी असर पड़ता है. गर्भावस्था के दौरान एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता. ऐसे में गर्भवती महिलाओं को ठंड से पूरी तरह बचाव करना चाहिए. दूसरी बात जो स्तनपान कराने वाली माता हैं, उन्हें भी ठंड से बचना चाहिए. यदि मां को ठंड लगता है,
तो इसका असर उसके दूधमूंहे बच्चे पर भी होता है. ठंड से प्रभावित मां का दूध पीने से उसके बच्चे को भी सर्दी खांसी हो जाती है. इसलिए दोनों ही स्थिति में महिलाओं को ठंड से बचने की हरसंभव कोशिश करनी चाहिए. हमेशा शरीर को प्रोटेक्ट करने वाली गर्म कपड़े पहनने चाहिए. सुबह में टहलने की आदत हैं, तो बाहर नहीं टहलना चाहिए. बल्कि घर के अंदर ही टहलें. ठंड के समय बाहर निकलना बहुत जरूरी हो तो पूरी तरह शरीर को गर्म कपड़े से ढंककर निकले. इससे ठंड से बच सकते हैं.