नोटबंदी. नोट के लिए बैंक दर बैंक भटक रहे लोग, 24 घंटे सेवा देनेवाले एटीएम की नहीं सुधर रही स्थिति
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नोटबंदी. नोट के लिए बैंक दर बैंक भटक रहे लोग, 24 घंटे सेवा देनेवाले एटीएम की नहीं सुधर रही स्थिति समस्तीपुर : नोटबंदी की हालत को सुधारने में रोज नये-नये दावे किये जा रहे हैं, मगर जमीनी हालत यह है कि लोग आज भी नोट लेने के लिये दर दर भटक रहें हैं. दस दिनों […]
समस्तीपुर : नोटबंदी की हालत को सुधारने में रोज नये-नये दावे किये जा रहे हैं, मगर जमीनी हालत यह है कि लोग आज भी नोट लेने के लिये दर दर भटक रहें हैं. दस दिनों के बाद भी लोगों की स्थिति में किसी तरह का सुधार नहीं हुआ है. सुबह होते ही आम लोगों के जेहन में नोट बदलने की जद्दोजहद होती है. बैंक दर बैंक, एक एटीएम से दूसरे एटीएम भटकने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसमें विगत तीन दिनों से लगातार नोट उपलब्ध नहीं कराने के कारण तो यह समस्या और भी जटिल हो गयी है. भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा में जहां रुपये की किल्लत होने की बात की जा रही है.
वहीं प्रधान डाकघर में विगत दो दिनों से करेंसी उपलब्ध नहीं हुई है. कुछ यही हाल बैंक ऑफ इंडिया की रामकिशनपुर शाखा की है. जहां नोट उपलब्ध नहीं कराने की बात कह विगत दो दिनों से रुपये का एक्सचेंज का काम ठप है.
एलडीएम भागीरथ साव के अनुसार रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को नोट उपलब्ध कराने को कहा गया है, मगर अभी तक बैंकों ने नोटों की उपलब्धता की सूचना नहीं दी है. वहीं गुरुवार को ही पांच सौ के नोट मुहैया कराने के लिए आरबीआइ को कहा गया था. मगर, शनिवार तक आम लोगों के हाथों में पांच सौ के नोट उपलब्ध नहीं हो सके थे. इधर, शनिवार को सिर्फ बुजुर्ग लोगों के लिए एक्सचेंज की व्यवस्था होने व आम लोगों के
लिये नोटों को एक्सचेंज का काम बंद होने के कारण अब आम लोगों के लिए और भी परेशानी बढ़ गयी है.
रोज नये नियम बदलने से लोग त्रस्त
लोगों ने कहा, जरूरी काम को दे रहे प्राथमिकता
पूसा के रहने वाले चंदन कुमार ने कहा कि दस दिनों के बाद भी स्थिति वहीं के वहीं है. सप्ताहभर पहले जहां खाता निकासी में लंबी लाइन लगी हुई थी. एटीएम के सहारे थोड़े रुपये उपलब्ध हो जा रहे थे. काम धंधा वाले लोग अपने काम को छोड़कर लंबी लाइनों में कै से लगे.
परेशानी के बाद भी अच्छा फैसला : जितेंद्र कुमार ने कहा कि परेशानी के बाद भी नोटबंदी का फैसला सही है. माहभर के अंत तक परिस्थिति सामान्य हो जायेगी.
जरूरत के काम कर रहे पहले : अधिवक्ता संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि जरूरत के कामों को प्राथमिकता दे रहे है. राशि की कमी के कारण सभी जरूरत तो पूर्ण नहीं हो सकती है. सरकार को एटीएम शुरू करनी चाहिए.
भाई की शादी है बैंकों ने खड़े किये हाथ : दलसिंहसराय निवासी सुरजीत कुमार ने कहा कि उसके भाई की शादी 24 नवंबर को है. मगर, बैंकों ने 2.5 लाख की राशि देने से हाथ खड़े कर दिये हैं.
ब्लड कैंसर से पीड़ित पोते के इलाज में समस्या : वरीय अधिवक्ता उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि उनके पोते का ब्लड कैंसर का इलाज बंबई में चल रहा है. न तो बैंक राशि दे पा रहा है और न ही आम लोग ही मदद कर रहे हैं.
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