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रेल व सड़क मार्ग से पहुंच रही खेप

अवैध करोबार. शहर के आधा दर्जन से अधिक शराब कारोबारियों के शामिल होने की शंका समस्तीपुर : पुलिसिया चौकसी के बावजूद समस्तीपुर में शराब की खेप पहुंच रही है. आधा दर्जन से अधिक कारोबारी बंगाल व नेपाल की ओर से आने वाली ट्रेनों से शराब ला रहे हैं. पुलिस को चकमा देने के लिए कारोबारी […]

अवैध करोबार. शहर के आधा दर्जन से अधिक शराब कारोबारियों के शामिल होने की शंका

समस्तीपुर : पुलिसिया चौकसी के बावजूद समस्तीपुर में शराब की खेप पहुंच रही है. आधा दर्जन से अधिक कारोबारी बंगाल व नेपाल की ओर से आने वाली ट्रेनों से शराब ला रहे हैं. पुलिस को चकमा देने के लिए कारोबारी रोज नया प्रयोग भी कर रहे हैं. हाल ही में गंगाजल के गैलन से शराब मिली है. रोज किसी न किसी ट्रेन में शराब बरामद होने से यह चर्चा जोरों पर है कि जिले में बड़े पैमाने पर शराब की तस्करी की जा रही है. इसे शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में खपाया जा रहा है. दो सौ से तीन सौ रुपये बिकने वाली शराब दो से तीन हजार रुपये में बेची जा रही है.
बंगाल व नेपाल से आने वाली ट्रेनों से पहुंच रही शराब : जीआरपी द्वारा जब्त शराब के आंकड़ों पर गौर करें तो ज्यादातर शराब बंगाल की ओर से आने वाली ट्रेनों से जब्त किये गये हैं.
अबतक पुलिस ने जनसाधारण एक्सप्रेस, गंगासागर एक्सप्रेस, आसानसोल-गोंडा एक्सप्रेस, हवड़ा-रक्सौल एक्सप्रेस ट्रेन से जांच के दौरान शराब जब्त किया है. उक्त सभी ट्रेनें बंगाल की ओर से बिहार आयी हैं. वैसे रेल पुलिस ने रक्सौल से हवड़ा जा रही एक्सप्रेस ट्रेन से पिछले दिनों नेपाली दारू भी बरामद किया था. समस्तीपुर स्टेशन पर वैसे तो पहली बार नेपाली दारू मिला था.
शराब बरामदगी के बाद यह बात उजागर हुई कि जिले में नेपाल से भी शराब मंगायी जा रही है. चर्चा है शराब के शौकीन नेपाली दारू के
बदले कारोबारी को अधिक रकम चुकाते हैं. नेपाली दारू में नशा ज्यादा आता है.
पैंट्रीकार कर्मी निभा रहे अहम भूमिका: ट्रेनों से शराब की ढुलाई में पैंट्रीकार के कर्मी अहम भूमिका निभा रहे हैं. इस धंधे में शामिल लोगों ने अपनी पहचान छुपाते हुए बताया कि पैंट्रीकार के कर्मी दो सौ की बोतल चार सौ रुपये में उपलब्ध कराते हैं, जिसे ग्राहकों को आठ सौ से एक हजार में बेची जाती है. इसमें से कुछ रकम वर्दीधारियों को भी दी जाती है, जिससे धंधा बेरोक-टोक चल सके.
सड़क मार्ग से भी पहुंच रही शराब : सूत्रों पर भरोसा करें तो जिले में सड़क मार्ग से भी शराब मंगायी जा रही है. चर्चा है कि झारखंड की ओर से आने वाले ट्रकों में बालू व गिट्टी में छुपा कर शराब मंगायी जा रही है. शराब को शहर में एक खास स्थान पर छुपाकर रखी जाती है. वहां से उसे टेंपो व रिक्शा के माध्यम से परचुनिया को उपलब्ध करायी जाती है. चर्चा है कि इस धंधे में कई शराब के पुराने कारोबारियों के अलावा नये लोग भी जुड़े हैं.
नेपाल व बंगाल की ओर से आने वाली ट्रेनों से मंगायी जा रही है शराब
पुलिस को चकमा देने के लिए रोज कर रहे नया प्रयोग
कब व किस ट्रेन में शराब बरामद
15 अप्रैल को पुलिस ने दो बोतल विदेशी दारू के साथ अमृत कुमार नामक युवक को गिरफ्तार किया. 24 मई को रेल पुलिस ने गंगासागर एक्सप्रेस से 16 बोतल दारू के साथ कमतौल के माधव कुमार ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आठ जून को जनसाधारण एक्सप्रेस में पुलिस ने लावारिस अवस्था में 20 बोतल विदेशी शराब जब्त किया. 26 जून को गंगासागर एक्सप्रेस से आधा दर्जन शराब बोतलें बरामद की गयीं. इसी तरह एक जुलाई को आसनसोल-गोंडा एक्सप्रेस से गंगाजल के गैलन से पुलिस ने 20 बोतल विदेशी शराब बरामद किया. दो जुलाई को फुटओवर ब्रिज से नेपाली दारू के साथ मो शमीम को गिरफ्तार किया.
ट्रेनों में विशेष चेकिंग
ट्रेनों में शराब बरामदगी के लिए सभी रेल थानाध्यक्षों को निर्देश दिये गये हैं. इसके लिए विशेष चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है. दारू की तस्करी में शामिल कारोबारियों के बारे में पता लगाया जा रहा है.
स्मिता सुमन, डीएसपी रेल , समस्तीपुर

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