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आधी रात को लिखा गया समझौता पत्र

मुखिया पति प्रकरण : एसडीओ ने दबायी बीइओ-मुखिया पति विवाद की सच्चई! रक्सौल : बीते एक सप्ताह से फरजी शिक्षक के मानदेय भुगतान के लिए बीइओ व मुखिया पति विवाद बीना निष्कर्ष के समाप्त हो गया. कहा जा रहा है कि प्रशासनिक दबाव के कारण बीइओ पीछे हट गये और मुखिया पति से समझौता कर […]

मुखिया पति प्रकरण : एसडीओ ने दबायी बीइओ-मुखिया पति विवाद की सच्चई!
रक्सौल : बीते एक सप्ताह से फरजी शिक्षक के मानदेय भुगतान के लिए बीइओ व मुखिया पति विवाद बीना निष्कर्ष के समाप्त हो गया. कहा जा रहा है कि प्रशासनिक दबाव के कारण बीइओ पीछे हट गये और मुखिया पति से समझौता कर लिया है.
इस समझौता के बाद एसडीओ द्वारा पूरे प्रकरण की सच्चई की जानकारी के लिए दी गयी जांच भी स्थगित कर दी गयी है. यानी अब यह रहस्य सामने नहीं आयेगा की मुखिया पति ने बीइओ को धमकाया था या बीइओ मुखिया पति से दो लाख की रिश्वत मांगे थे या फिर फरजी रूप से बहाल शिक्षक का क्या होगा. पिछले मंगलवार को बीइओ व मुखिया पति के बीच विवाद हुआ था.
बीइओ ने अपने कार्यालय के पत्रंक के साथ एसडीओ व डीएसपी को पत्र दिया था. कार्रवाई के लिए शिक्षक सोमवार को काला बिल्ला लगाकर तो मंगलवार को धरना करने वाले थे. इसी बीच रविवार को जब शिक्षक आंदोलन की तैयारी कर रहे थे तो रविवार की रात दस बजे के बाद बीइओ एसडीओ आवास पहुंचे और दोनों के बीच समझौता हो गया.
रविवार की रात दस बजे के बाद बीइओ दो शिक्षकों के साथ एसडीओ के आवास पहुंचे. जहां शिक्षकों को छोड़ बीइओ एसडीओ से बातचीत किये. कहा यह भी जा रहा है कि एसडीओ ने बीइओ को समझौता के लिए विचार करने के लिए कहा. कहा कि आप सरकारी आदमी कहां-कहां केस लड़ियेगा.
दो दिन का समय आपको सोचने के लिए दिया था और बीइओ मान गये. उसके बाद बीडीओ अमित कुमार के आवास पर पहुंचे. जहां मुखिया पति जीतन साह पूर्व से ही मौजूद थे. तब बीडीओ अमित कुमार ने समझौता का मजमुन बोला और बीआरपी मनोज कुमार ने उसे कागज पर लिखा जिस पर दोनों पक्ष ने हस्ताक्षर किया. इसी समझौता पत्र के आधार पर जांच बंद कर दिया गया और पुलिस ने अपनी जिम्मेवारी से मुक्ति पा ली है.
सामने नहीं आयी मामले की सच्चाई
इस समझौता से साफ हो गया है कि ना तो जांच होगी और न प्राथमिकी दर्ज होगी. हद तो यह है कि अब यह भी जांच नहीं होगा की शिक्षकों की बहाली सही है या गलत. जिसे बीइओ और संबंधित विद्यालय के एचएम अपने पत्रों में फरजी बताया है. यह भी साफ हो गया है कि अब यह भी सामने नहीं आयेगा की बीइओ ने रिश्वत में दो लाख रुपये मांगा था या नहीं. कुल मिला कर भ्रष्टाचार का यह मामला अब उजागर नहीं होगा.
लोगों में चर्चा
लोगों में चर्चा है कि ऐसा क्या था कि मामले की जांच कर कार्रवाई करने के बदले अधिकारी इसे रफा-दफा करने के लिए सक्रिय थे और बीइओ के विभागीय पत्र देने के एक सप्ताह बाद प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी और समझौता के लिए पुलिस इंतजार करती रही.
बोले एसडीओ
सिर्फ झगड़ा का जांच था. बहाली का जांच नहीं था. बहाली की जांच आवश्य होगी. इसका आवेदन नहीं आया है. इस सवाल पर की आप ही के प्रयास से समझौता हुआ है तो उन्होंने कहा कि हम समझौता क्यो करायेंगे. दो आदमी का विवाद था उन्होंने समझौता कर लिया.
इस सवाल पर कि उस समझौता के आधार पर आपके द्वारा दिया गया जांच रोक दिया गया तो उन्होंने कहा कि जांच क्या दिये थे कि विवाद हुआ था कि नहीं. अब बीइओ को प्राथमिकी दर्ज करनी थी तो सीधे थाना को आवेदन देते. हम को पत्र देने की क्या जरूरत थी, हम भी तो थाना को ही लिखते. जहां तक बहाली का सवाल उसकी आवश्य जांच होगी.
बोले बीडीओ
जांच खत्म हो गया, दोनों में सुलाहनामा हो गया है. हम सुलह नहीं कराये. दोनों आदमी एसडीओ साहेब के यहां लिख के दिये थे, दोनों ने एसडीओ साहेब को बताया था कि हम लोग सुलह करना चाहते है. एसडीओ साहेब के आवास पर दोनों में बात हुई जिसके बाद मेरे समझ समझौता पत्र लिखा गया.
कहते हैं बीइओ
बीइओ डॉ कैलाशपति यादव ने कहा कि शनिवार को वे घर चले गये थे. एसडीओ साहेब का बुलावा आया थ. रविवार को आया तो एसडीओ साहब जिला में चले गये थे. इसी कारण से रात में जाना पड़ा. दस साढ़े दस बज रहा था. एसडीओ साहेब दबाव नहीं डाले. इतना कहे कि आपको सोचने-विचारने के लिए दो दिन का समय दिया था.
आप कहे तो मजबूत से मजबूत केस कर देंगे, लेकिन उसके बाद की प्रक्रिया में आपको ही परेशानी उठानी होगी. तो हमने कहा कि हम लड़ने थोड़े आये है उसके बाद बोले की समझौता का बात बीडीओ साहेब से करीये, जिसके बाद हम लोग बीडीओ के आवास पहुंचे. वहां मुखिया पति ने माफी मांगी, कहा कि हमसे गलती हो गयी. इसके बाद हम मान गये.
बोले बीआरपी
हम लोग एसडीओ साहेब के पास नहीं गये थे. हम लोग बाहर ही खड़ा थे. साहेब मान गये हमलोग तो काला बिल्ला लगा कर काम कर रहे है. एसडीओ आवास से निकल कर बीती रात 10 बजे के बाद बीडीओ के आवास पर पहुंचे.
वहां मुखिया पति जीतन साह एक माफीनामा लिखे, जिसके बाद एक समझौता पत्र लिखा गया. समझौता पत्र बीडीओ साहेब बोल रहे थे और हम लिख रहे थे. जिस पर दोनों पक्षों ने हस्ताक्षर किया. हम लोग हस्ताक्षर नहीं किये.
बोले बीआरपी
मुखिया पति क्षमा मांगे. उन्होंने कहा कि हमार उद्देश्य आपको हर्ट करने का नहीं था. बीइओ साहब ने कहा कि आप दो-दो बार हमको धमकी दिये, जिससे लगा की आप हमे परेशान करेंगे.
हालांकि साहब समझौता कर लिये है. हमारे संघ से कोई बात नहीं हुई है. एसडीओ साहब उस रात बीडीओ साहेब बीइओ साहेब को बुलाये थे. बीइओ साहेब का अलग मामला था. हम लोग का अलग मामला था. मनोज भाई लिखे. बीडीओ साहेब लिखवाये की हम लोग स्वस्थ्य मन से अपना विवाद समाप्त किया है.

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