फोटो संख्या : 1 इम्पिरिअल एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीच्यूट के नाम से जाना जाता पूसा हेनरी फिप्स ने 1905 में किया कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापनापूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के शोध छात्र एवं ऑल इंडिया एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स एसोसिएशन संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष पंकज कुमार ओझा ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर पूसा में कृषि संग्रहालय स्थापित करवाने की मांग की है. पत्र में कहा गया है कि हमारे बिहार की प्रतिभाओं ने देश के विकास में अहम भूमिका निभायी है. साथ ही आपके कुशल नेतृत्व में बिहार राज्य न केवल कृषि वरन अन्य क्षेत्रों में भी तेजी से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि हमारे देश में कृषि शोध एवं अनुसंधान की नींव सबसे पहले पूसा समस्तीपुर में ही रखी गई थी. निश्चित रूप से इस स्थान ने भारतीय कृषि को एक नयी दिशा दी है. ज्ञात हो की हेनरी फिप्स नामक वैज्ञानिक के माध्यम से वर्ष 1905 में कृषि अनुसंधान संस्थान स्थापित की गयी. बाद में यानी वर्ष 1911 में इसका नाम बदल कर इम्परिअल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रीकल्चर रिसर्च, जो की वर्ष 1919 में इसका नाम बदल कर इम्परिअल एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट के नाम से आज तक जाना जाता है. निश्चित रूप से यह संस्थान भारतीय कृषि विकास का सिरमौर बना. बिहार के स्वर्णिम इतिहास को देखते हुए इस स्थान विशेष को राष्ट्रीय धरोहर घोषित कर कृषि से संबंधित एक राष्ट्रीय स्तर के संग्रहालय की स्थापना की जाये. अध्यक्ष ने संग्रहालय से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज पत्र के साथ जमा किया है.
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पूसा में कृषि संग्रहालय स्थापित करने की उठने लगी मांग
फोटो संख्या : 1 इम्पिरिअल एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीच्यूट के नाम से जाना जाता पूसा हेनरी फिप्स ने 1905 में किया कृषि अनुसंधान संस्थान की स्थापनापूसा. राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के शोध छात्र एवं ऑल इंडिया एग्रीकल्चर स्टूडेंट्स एसोसिएशन संघ के विश्वविद्यालय अध्यक्ष पंकज कुमार ओझा ने मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर पूसा में कृषि संग्रहालय स्थापित […]
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