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बिना पुस्तक कैसे आठवीं के बच्चे करें पढाई!

चार हजार सेट पुस्तकों की है दरकारउर्दू माध्यम वाले बच्चों को भी नहीं मिली है किताबें प्रतिनिधि, दलसिंहसरायप्रखंड के मध्य विद्यालयों के आठवीं वर्ग के स्कूली बच्चों को चालू सत्र के तीन माह बीतने के बावजूद अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं मिली है़ ऐसे हालात में उनके कोर्स कैसे पूरे होंगे इसकी चिंता बच्चों को […]

चार हजार सेट पुस्तकों की है दरकारउर्दू माध्यम वाले बच्चों को भी नहीं मिली है किताबें प्रतिनिधि, दलसिंहसरायप्रखंड के मध्य विद्यालयों के आठवीं वर्ग के स्कूली बच्चों को चालू सत्र के तीन माह बीतने के बावजूद अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं मिली है़ ऐसे हालात में उनके कोर्स कैसे पूरे होंगे इसकी चिंता बच्चों को खाये जा रही है़ इसकी वजह स्कूलों में अब तक पुस्तकों की आपूर्ति नहीं होना बताया जा रहा है़ विभागीय सूत्रों के मुताबिक पहली से सातवीं तक के बच्चों को पुस्तकें उपलब्ध करायी गयी है़ लेकिन आठवीं के पुस्तक अब तक उपलब्ध नहीं हो सके हैं़ पुस्तक प्रभारी सह बीआरसीसी शकील अख्तर ने बताया कि प्रखंड में विभिन्न स्कूलों के आठवीं वर्ग में कुल 4602 बच्चे नामांकित हैं. जिनके अनुपात में हिंदी माध्यम के बच्चों के लिये मात्र 640 पुस्तकों के सेट ही मिले़ इसमें से विद्यालयों को मात्र 8-10 के हिसाब से पुस्तकों की आपूर्ति की गयी़ जबकि अभी भी करीब चार हजार पुस्तकों के सेट की आवश्यकता है़ वहीं उर्दू माध्यम के 204 बच्चों की तुलना में मात्र 181 ही मिले हैं. इसलिये उर्दू माध्यम के पुस्तक भी चाहिये लेकिन आपूर्ति नहीं हो सकी हैं़ बीइओ इरशाद अहमद ने बताया कि पुस्तक राज्य शिक्षा परियोजना से मिलती है लेकिन आठवीं की पुस्तकें नहीं मिलने की वजह से बच्चों को नहीं मिल सकी हैं़ पुस्तकों की आपूर्ति होते ही बच्चों में वितरित कर दी जायेगी़ इधर आठवीं वर्ग के सोनम, तन्नू, सृष्टि, पूजा, रुचि, हर्षिता, अंजली, अंकित, विनायक समेत अन्य बच्चों ने बताया कि हड़ताल व ग्रीष्मावकाश की बंदी से बच्चे परेशान रहे हैं़ अब विद्यालय खुले भी हैं तो बिना किताबों के बच्चे कैसे अपनी पढ़ाई करें़

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