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बढ़ते कुपोषण का मूल कारण अशिक्षा : डॉ मीरा

फोटो संख्या : 14कुपोषण मिटाने में वैशाली अव्वल एवं सहरसा सबसे नीचे कहीं न कहीं दोषी है बढ़ती हुई आबादीप्रतिनिधि, पूसा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित गृह विज्ञान महाविद्यालय में 29-06 जुलाई तक चलने वाले कैपिसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्र म का शुभारंभ अधिष्ठाता डॉ मीरा सिंह ने दीप प्रज्ज्विलत कर किया. साथ ही अपने संबोधन […]

फोटो संख्या : 14कुपोषण मिटाने में वैशाली अव्वल एवं सहरसा सबसे नीचे कहीं न कहीं दोषी है बढ़ती हुई आबादीप्रतिनिधि, पूसा राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय परिसर स्थित गृह विज्ञान महाविद्यालय में 29-06 जुलाई तक चलने वाले कैपिसिटी बिल्डिंग प्रशिक्षण कार्यक्र म का शुभारंभ अधिष्ठाता डॉ मीरा सिंह ने दीप प्रज्ज्विलत कर किया. साथ ही अपने संबोधन में कहा किी आज बिहार को बदलने की मुहिम में अशिक्षा बढ़ते हुए कुपोषण के लिए पर्यायवाची बना हुआ है. देश व राज्य स्तर पर विभिन्न सरकारी एवं गैरसरकारी उपक्र म जागरूकता फैलाने पर लगे है मगर अजगर की भांति घात लगाकर बैठा कुपोषण को निकाल फेकने में हमें कामयाबी मिलना नामुमकिन सा प्रतीत हो रहा है. इसलिए की अभी कराये गये सर्वेक्षण के अनुसार सिर्फ पटना जिला में कुल बच्चा के आबादी का 70 प्रतिशत कुपोषण के शिकार हैं. इस पर कार्य करने के साथ ही जागरूकता लाने की भी जरूरत है. डीआर डॉ जेपी उपाध्याय ने कहा कि बिहार में कुपोषण मिटाने में वैशाली जिला अव्वल स्थान प्राप्त किया है. वहीं सहरसा देश स्तर पर पिछले पायदान पर खरा है. सुनने को मिला है कि राज्य के एसीडीएस कार्यालय में पदाधिकारी व कर्मचारी की उपिस्थति नगण्य रहती है. पहले तो जरु रत है अपने आप को क्रि याशील करने का, तब जाकर हम कुपोषण भागने में कामयावी हासिल कर पायेंगे. डीई डॉ केएम सिंह ने कहा कि माताओं को शिक्षति करना कुपोषण मिटाने में अहम साबित हो सकता है. प्रसार शिक्षा के उप निदेशक प्रशिक्षण डॉ अरु णिमा कुमारी ने कहा कि समय समय पर कुपोषण मिटाने को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से सीडीपीओ एवं एलएस के लिए प्रशिक्षण कार्यक्र म चलाये जाते हैं. संचालन डॉ कुमारी आरती ने किया. मौके पर प्रशिक्षक के रूप में आभा सिन्हा, डॉ मृदुला चंद्रा, हरिओम, रोमा कुमारी आदि उपस्थित थी.

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