मस्तीपुर. श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में प्रवचन के लिए पहुंचे आचार्य योगेश प्रभाकर ने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन के मूल्यों को समझना होगा. जो व्यक्ति इसे नहीं समझ पा रहे हैं. उनका जीवन ही निरर्थक हो जायेगा. वे शहर के केइ इंटर स्कूल परिसर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का वाचन के लिए समस्तीपुर पहुंचे थे.
आइएमए भवन में शुक्रवार को आयोजित पत्रकार सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन वर्तमान काल में इतना व्यस्त हो गया है कि उन्हें अपने इष्ट देव का नाम लेने तक की फुरसत नहीं रह गयी है. लेकिन जैसे ही दु:ख की घड़ी उनके द्वार पर दस्तक देती है उन्हें ईश्वर का स्मरण आता है. इस सांसारिक जीवन में ध्यान के माध्यम से ही जीवन की मधुरता को और भी निखारा जा सकता है. आगामी 30 अप्रैल तक चलने वाले श्रीमद्भागवत कथा प्रवचन के माध्यम से भक्तों में ज्ञान का दीपक जला कर उन्हें जीवन के मूल्यों को समझाने की चेष्टा की जायेगी. श्री प्रभाकर ने कहा कि भव सागर में भक्तों को कथा के माध्यम से सैर कराने की चेष्टा होगी. यदि सच्चे मन से कथा श्रवण की जाय तो लोगों को इस भाग दौड़ के जीवन में भी पल दो पल के लिए एक अलग अनुभूति होगी. जिसे पूरा कराने के लिए ही वह समस्तीपुर पहुंचे हैं.