अविश्वास प्रकरण के विरुद्ध हाइकोर्ट गयी थी प्रमुखकरीब एक वर्ष बाद खुला प्रमुख कार्यालय का ताला प्रतिनिधि, मोरवाउच्च न्यायालय के आदेश पर मीरा देवी ने फिर से प्रखंड प्रमुख की कमान संभाल ली है. इसके साथ ही करीब एक वर्ष बाद प्रखंड प्रमुख के कार्यालय में लगा ताला भी खुल गया है. कार्यालय की रोनक भी वापस लौटने लगी है. बताते चलें कि 16 जनवरी 2014 को पंचायत समिति सदस्यों ने प्रमुख के उपर अविश्वास जताते हुए प्रस्ताव लाया था. इसके बाद प्रमुख की कुरसी खिसक गयी थी. इसके कारण प्रखंड के विकास कार्यों पर विराम लगा गया. शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया पूरी तरह से ठप थी. पंचायतों में जारी योजनाओं का अनुमोदन भी नहीं हो पा रहा था. इस बीच अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ प्रमुख ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 20 जनवरी 2015 को हुए फैसले में अविश्वास प्रकरण को लेकर बुलायी गयी बैठक को ही कोर्ट ने अवैध करार दे दिया. इसके साथ ही प्रखंड विकास पदाधिकारी को कारणपृच्छा भी जारी किये थे. प्रक्रियाओं के बाद प्रमुख फिर से अपनी कुरसी पर काबिज हुई तो अब विकास योजनाओं को गति मिलने के आसार नजर आने लगे हैं. बता दें कि प्रमुख का पूरा कार्यकाल कि सी न किसी कारण से विवादों में घिरा रहा है. इसके कारण प्रखंड में विकास कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ा है. प्रमुख के कार्यालय खुल जाने से फिर से लोगों में उम्मीदें जगी है. देखना है कि अवरुद्ध पड़े विकास कार्यों को शेष बचे कार्य काल में प्रमुख किस तरह गति देकर उन्हें मुकाम तक पहुंचाने में सफल हो पाती है. जिस पर पूरे प्रखंडवासियों की नजरें आ टिकी है.
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हाइकोर्ट के आदेश पर मीरा ने फिर संभाली प्रमुख की कमान
अविश्वास प्रकरण के विरुद्ध हाइकोर्ट गयी थी प्रमुखकरीब एक वर्ष बाद खुला प्रमुख कार्यालय का ताला प्रतिनिधि, मोरवाउच्च न्यायालय के आदेश पर मीरा देवी ने फिर से प्रखंड प्रमुख की कमान संभाल ली है. इसके साथ ही करीब एक वर्ष बाद प्रखंड प्रमुख के कार्यालय में लगा ताला भी खुल गया है. कार्यालय की रोनक […]
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