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बच्चे खींचते हैं कुएं से पानी

एमडीएम : कागज पर मजबूत व धरातल पर कमजोर शाहपुर पटोरी . प्रखंड में एमडीएम का काम संतोषजनक नहीं चल रहा है. सरकारी फाईलों में प्रखंड के 120 विद्यालयों में एमडीएम चल रहा है और एक विद्यालय में बंद है किन्तु धरातल पर स्थिति कुछ और है. जब प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों का जायजा लिया […]

एमडीएम : कागज पर मजबूत व धरातल पर कमजोर
शाहपुर पटोरी . प्रखंड में एमडीएम का काम संतोषजनक नहीं चल रहा है. सरकारी फाईलों में प्रखंड के 120 विद्यालयों में एमडीएम चल रहा है और एक विद्यालय में बंद है किन्तु धरातल पर स्थिति कुछ और है. जब प्रखंड के विभिन्न विद्यालयों का जायजा लिया गया तो पाया गया कि जनवरी माह में शीतलहरी एवं अन्य छुट्टी के कारण विद्यालय माह के लगभग 20 दिन बंद रहा.
जब अन्य 10 दिनों में विद्यालय खुला तो कभी ठंड के कारण बच्चे नहीं आये तो कभी विद्यालय खुलने का पता छात्रों को नहीं चला. एमडीएम तो उस रोज नहीं बना लेकिन सरकारी फाईलों में उन दिनों भी एमडीएम चालू रहा. कई ऐसे विद्यालय हैं जहां अनियमित एमडीएम जनवरी माह में बना और यहां ऐसे भी विद्यालय है जहां आज तक एमडीएम बना ही नहीं.
प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी की माने तो उनके अनुसार प्राथमिक विद्यालय चकदाउत में एमडीएम नहीं बनता है. एमडीएम नहीं बनने का कारण यह बताया गया कि इस विद्यालय में बर्तन चोरी होने के कारण एमडीएम नहीं बन रहा है. इसको चालू कराने के लिए विभाग को बर्तन के लिए लिखा गया है. इससे बच्चों की उपस्थिति प्रभावित हो रही है जबकि शाहपुर उण्डी पंचायत के प्राथमिक विद्यालय कवि चौक पर आजतक कभी एमडीएम बना ही नहीं.
यहां के बच्चे भवन न रहने के कारण खुले आकाश के नीचे पढ़ते हैं और कार्यालय एचएम के झोले में होता है. यहां के बच्चो ने आजतक एमडीएम का स्वाद चखा भी नहीं. इस क्रम में जब मध्य विद्यालय शिउरा का जायजा लिया गया तो पाया गया कि वहां एमडीएम तो बनता है किन्तु बच्चे चापाकल के अभाव में खुले कुएं से स्वयं पानी भरकर पीते है, जो कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है. वहीं उत्क्रमित उर्दू मध्य विद्यालय शिउरा में पाया गया कि बच्चों के पानी के लिए वहां भी कोई चापाकल नहीं है और वहां समीप के मस्जिद से बच्चे पीने का पानी लाते है.
एमडीएम बंद रहने पर घट जाती है उपस्थिति
प्राथमिक विद्यालय जोड़पुरा पश्चिम के छात्रों की उपस्थिति जब देखा गया तो वहां 158 नामांकित छात्रों में 142 छात्र मौजूद थे. मिड डे मिल चालू रहने पर औसतन 75 से 80 प्रतिशत छात्र हर दिन विद्यालय आते हैं वहीं जब मिड डे मिल बंद रहता है तो छात्रों की उपस्थिति घटकर 45 से 50 प्रतिशत हो जाती है.

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