समस्तीपुर : एइएस/जेइ नामक गंभीर बीमारी की रोकथाम एवं मरीजों के इलाज के लिए जिले के 30 चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा़ बुधवार को मुजफ्फरपुर एसकएमसीएच में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया़ प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल के पांच चिकित्सक सहित अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित कुल […]
समस्तीपुर : एइएस/जेइ नामक गंभीर बीमारी की रोकथाम एवं मरीजों के इलाज के लिए जिले के 30 चिकित्सकों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जायेगा़ बुधवार को मुजफ्फरपुर एसकएमसीएच में प्रशिक्षण का आयोजन किया गया़ प्रशिक्षण के लिए सदर अस्पताल के पांच चिकित्सक सहित अनुमंडलीय अस्पताल, रेफरल अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पदस्थापित कुल 30 चिकित्सकों का चयन किया गया है़
इसकी जानकारी देते हुए सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एएन शाही ने बताया कि इस प्रशिक्षण में उनके साथ-साथ डीआइओ डॉ सतीश कुमार, जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ विजय कुमार, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ नागमणि राज एवं डॉ सुनील कुमार सदर अस्पताल से प्रशिक्षण में जायेंगे़ अनुमंडलीय अस्पताल रोसड़ा के डॉ अभय शंकर ठाकुर, दलसिंहसराय के डॉ प्रशांत कुमार, उजियारपुर के डॉ अरविंद कुमार, वारिसनगर के डॉ महेश प्रसाद, पटोरी के डॉ असगर अली, मो नगर के डॉ विनोद कुमार, दलसिंहसराय के डॉ अमित कुमार, हसनपुर के डॉ संजय कुमार झा, पूसा के डॉ एके मिश्रा सहित जिले के कुल 30 चिकित्सकों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है़
अस्पताल में होगी विशेष व्यवस्था. सदर अस्पताल में पहुंचने वाले एइएस एवं जेइ के मरीजों के लिए अस्पताल प्रशासन विशेष व्यवस्था कर रही है़ उन मरीजों के लिए सदर अस्पताल में स्पेशल वार्ड बनाने का आदेश दिया
गया है़ उपाधीक्षक डॉ एएन शाही ने बताया कि नशामुक्ति केंद्र के समीप वाले कक्ष को एइएस के लिए स्पेशल वार्ड में परिणत करने का आदेश दिया गया है़ इस वार्ड को कई तरह के उपकरणों से भी लैश किया जायेगा़
प्रशिक्षण
एइएस की रोकथाम के लिए 30 डॉक्टरों को मिली ट्रेनिंग
मुजफ्फरपुर एसकेएमसीएच में हो रहा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन, जिले के 30 डॉक्टरों में सदर अस्पताल से शामिल हुए पांच चिकित्सक
डॉक्टर की होगी प्रतिनियुक्ति
एइएस एवं जेइ के मरीजों के इलाज के लिए प्रशिक्षित चिकित्सकों के साथ-साथ नर्सों की प्रतिनियुक्ति भी की जायेगी़ स्पेशल वार्ड में इन मरीजों की देखभाल प्रशिक्षित डॉक्टर एवं नर्स ही करेंगे़ इसको लेकर अस्पताल प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी है.