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आक्रोश. सरकार की नीति के खिलाफ सड़क पर उतरे गिट्टी-बालू व्यवसायी

समस्तीपुर : सरकार की नयी खनन नीति के खिलाफ मंगलवार को बालू गिट्टी व्यवसायी सड़क पर उतर आये. नीति के विरोध में खनन कारोबार से जुड़े लोगों ने दरभंगा-पटना राजधानी रोड को ओवरब्रीज के पास जाम कर दिया. इससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया. मथुरापुर से मुसरीघरारी की ओर आने-जाने वाले वाहनों जहां तहां […]

समस्तीपुर : सरकार की नयी खनन नीति के खिलाफ मंगलवार को बालू गिट्टी व्यवसायी सड़क पर उतर आये. नीति के विरोध में खनन कारोबार से जुड़े लोगों ने दरभंगा-पटना राजधानी रोड को ओवरब्रीज के पास जाम कर दिया. इससे वाहनों का आवागमन ठप हो गया. मथुरापुर से मुसरीघरारी की ओर आने-जाने वाले वाहनों जहां तहां सड़कों पर रुक गये, वहीं सुबह सबेरे जाम के कारण स्कूली बस से लेकर मरीजों को ले जा रही एंबुलेंस वाहन पर भी इसका असर दिखने को मिला. ओवरब्रीज के पास करीब आधा घंटा तक जाम लगा रहा. बाद में हाइकोर्ट के खनन नीति पर रोक लगाने के फैसले की सूचना मिलने पर कारोबारियों ने चक्का जाम को शांतिपूर्ण सभा में तब्दील कर दिया.

इसका नेतृत्व बालू गिट्टी छड़ सीमेंट व्यवसायी संघ के अध्यक्ष विनोद कुमार गुप्ता ने की. वक्ताओं ने कहा कि बालू गिट्टी कारोबार से जुड़े सभी व्यापारियों को व्यापार करने के लिये लाइसेंस दिया जाये. इसके अलावा वर्तमान चयन प्रक्रिया को निरस्त करते हुए जमा बालू-गिट्टी के स्टॉक को बेचने की इजाजत दी जाये. जब तक व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाती है, तब तक इस उद्योग से जुड़े लोगों को बेरोजगारी भत्ता मिले. बैंक ऋण व ब्याज को माफ किया जाये.
मौके पर मुकूंद कुमार सिंह, अनिल कुमार राय, सुनील कुमार, राजन यादव, योगेंद्र प्रसाद, रणधीर राय, गुंजन सिंह, संतोष कुमार, अनिल सुरेका, सुजीत खेमका, रामबाबू साह, देवनाथ पोद्दार, अरविंद संथालिया, जितेंद्र कुमार साह, सत्येंद्र प्रकाश आदि मौजूद थे.
हर चौक पर तैनात थे मजिस्ट्रेट : बालू गिट्टी व्यवसायी संघ के प्रस्तावित चक्का जाम को देखते हुए प्रशासन ने सभी चौक चौराहे पर मजिस्ट्रेट स्तर के पदाधिकारियों की तैनाती की थी. इसमें सदर अस्पताल, गोलंबर चौराहा, समाहरणालय, ओवरब्रीज, थानेश्वर स्थान मंदिर, गुदरी बाजार, मथुरापुर घाट के पास पदाधिकारियों की तैनाती की गयी थी. इसके अलावा आपात स्थिति को देखते हुए अनुमंडल कार्यालय में पदाधिकारियों की तैनाती भी की गयी थी. इधर, समस्तीपुर जंक्शन पर भी जाम को देखते हुए प्रशासन सतर्क दिखा.
जिले में पहली दिसंबर से बालू की खुली आपूर्ति बंद कर दी जायेगी. सिर्फ, लाइसेंसीधारक विक्रेताओं को ही कारोबार करने की इजाजत होगी. साथ ही खुले स्टॉक भी इस तिथि के बाद बिक्री नहीं होगी. इस बाबत जानकारी देते हुए जिला खनन पदाधिकारी अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि फिलहाल विभाग की ओर से हाइकोर्ट के आदेश के संबंध में कोई पत्र नहीं भेजा गया है. इसलिए पहली दिसंबर से ही विभागीय नियमानुसार ही बालू की बिक्री होगी. इधर, बालू के नयी लाइसेंसधारकों की जांच व भौतिक सत्यापन के लिए उप समाहर्ता स्तर की टीम गठित की गयी है. इसमें सीओ को भी शामिल किया गया है. जांच समिति को तीन दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है. इधर, अवैध बालू की जब्ती के लिए माइनिंग इंस्पेक्टर के नेतृत्व में धावा दल का गठन किया गया है.

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