सकरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोक की गयी जांच-पड़ताल
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जयगनर से दरभंगा जा रही पैसेंजर ट्रेन में हुई घटना
सकरी रेलवे स्टेशन पर ट्रेन को रोक की गयी जांच-पड़ताल आरपीएफ व एससबी डॉग स्क्वॉयड की ली गयी मदद ट्रेन एक्सीडेंट की मॉक ड्रिल से समस्तीपुर मंडल ने मचायी हड़कंप समस्तीपुर : शनिवार सुबह 11.45 बजे अचानक कंट्रोल से अधिकारियों को मैसेज मिला कि समस्तीपुर जंक्शन के यार्ड में पैसेंजर ट्रेन व मालगाड़ी आपस में […]
आरपीएफ व एससबी डॉग स्क्वॉयड की ली गयी मदद
ट्रेन एक्सीडेंट की मॉक ड्रिल से समस्तीपुर मंडल ने मचायी हड़कंप
समस्तीपुर : शनिवार सुबह 11.45 बजे अचानक कंट्रोल से अधिकारियों को मैसेज मिला कि समस्तीपुर जंक्शन के यार्ड में पैसेंजर ट्रेन व मालगाड़ी आपस में टकरा गयी. इसमें सात यात्री गंभीर रूप से घायल हुए. जिससे अधिकारियों कर्मचारियों के कान खडे हो गये. देखते ही देखते ही समस्तीपुर जंक्शन के बरौनी साइड यार्ड में भीड जमा हो गयी. करीब तीन घंटे बाद बचाव कार्य खत्म हुआ. इस सूचना से पूरे समस्तीपुर रेलमंडल के साथ ही जिला और पुलिस प्रशासन में हडकंप मच गया.
उधर, एनडीआरएफ और रेलवे बचाव टीम पहुंची. घायल यात्रियों के लिए मेडिकल की टीम भी मौके पर पहुंच गयी. चारों तरफ बचाव कार्य जारी हो गया. सभी अपने-अपने काम में लग गये. उधर घायलों और मृतकों के परजिनों को राहत देने के लिए कमिर्शयल विभाग की टीम सहायता राशि लेकर भी पहुंच गयी. मौके पर एनडीआरएफ और रेलवे की बचाव टीम ने कोच से यात्रियों को बाहर निकालना शुरू कर दिया. इसमें 12 यात्री घायल थे. जब दो की मौत हो चुकी थी. जो घायल थे उन्हें मौके पर ही चिकित्सकों ने इलाज देना शुरू कर दिया. अभी सब कुछ चल ही रहा था कि सूचना दी गई यह पूरी तरह से मॉकिड्रल था. मॉकिड्रल की सूचना मिलते ही वहां मौजूद सभी ने राहत की सांस ली. इस दौरान मॉकिड्रल का नेतृत्व कर रहे समस्तीपुर रेलमंडल के डीआरएम रवींद्र कुमार जैन ने उपस्थित सभी कर्मचारियों और एनडीआरएफ टीम को मॉकिड्रल सफल होने पर बधाई दी. रेलवे की दक्षता और कर्मचारियों की क्षमता परखने के लिए हुआ मॉक ड्रिल समस्तीपुर रेलमंडल में एक्सीडेंट रिलीफ टीम, सम्बंधित विभाग की दक्षता और क्षमता परखने के लिए मॉकिड्रल का आयोजन किया गया था. किसी को कानो कान नहीं हुई, खबर रेलवे की कोर टीम को को छोड रेलवे के कई अफसरों को भी इस मॉकिड्रल की जानकारी नहीं थी. सूचना पर सभी हकीकत में दुर्घटना मान रहे थे. अपनी दक्षता और कर्मचारियों की क्षमता परखने के लिए की गई मॉकिड्रल में रेलवे बखूबी वैसे ही किया जैसे अमूमन किसी दुर्घटना के दौरान होता है. मॉक ड्रिल पूरी तरह से हकीकत में दिखाने के लिए यार्ड में हेल्पलाइन डेस्क भी खोला गया था. हैरानी की बात तो यह है कि दुर्घटना की सूचना पर कुछ आस पास के लोगों ने यहां पूछताछ भी की.
डीरेल हुए पैसेंजर डिब्बे पटरी पर लाई गई. वहीं घटना की जाइंट रिपोर्ट भी बनायी गयी. जिसमें लोको पायलट के द्वारा सिग्नल नहीं मिलने के बावजूद ट्रेन बढाने की बात कही गई. एडीआरएम आरके पांडेय, सीनियर डीओएम रूपेश कुमार, डीईएम थ्री संजय कुमार, सीनियर डीएमई दिलीप कुमार, आरपीएफ कमांडेंट विजय प्रकाश पंडित, असिस्टेंट कमाडेंट एके शाही, एसीएम नरेंद्र कुमार व आशुतोष शरण, एसएस अशोक कुमार समेत अन्य विभाग के अधिकारी, स्काउड गाईड मौजूद रहे.
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