परेशानी. बिल दुरुस्त कराने को उपभोक्ता लगा रहे चक्कर
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बिजली मीटर से निकल रहा अब टेंशन का बिल
परेशानी. बिल दुरुस्त कराने को उपभोक्ता लगा रहे चक्कर समस्तीपुर : यूं तो बिजली करंट मारती है, लेकिन यहां के उपभोक्ताओं को बिल देखकर जोर का झटका लग रहा है. बिजली कंपनी ने इस समस्या से निपटने के लिए हर माह विपत्र सुधार शिविर भी लगा रही है बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या दूर नहीं हो […]
समस्तीपुर : यूं तो बिजली करंट मारती है, लेकिन यहां के उपभोक्ताओं को बिल देखकर जोर का झटका लग रहा है. बिजली कंपनी ने इस समस्या से निपटने के लिए हर माह विपत्र सुधार शिविर भी लगा रही है बावजूद उपभोक्ताओं की समस्या दूर नहीं हो पा रही है.
विगत माह लगे शिविर में 52 आवेदन पड़े थे. ऑन द स्पॉट 35 निष्पादित भी किए गए, लेकिन आए दिन उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज करा रहे है. नये उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली कंपनी की तरफ से मीटर तो लगा दिया गया लेकिन अभी तक बिलों का रिकार्ड कंप्यूटर में फीड न होने से बिल नहीं आ रहा. इससे नये उपभोक्ताओं की टेंशन बढ़ गई है.
अब मीटर से निकलने वाले बिलों को देखकर उपभोक्ताओं के माथे पर चिंता की लकीर देखने को मिल रही है. उपभोक्ता पुना पासवान ने शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि हर माह उन्हें 300 से 400 रुपये का बिल मिल रहा था. विगत अप्रैल माह में ज्यादा बिजली बिल मिलने से परेशान है. वही वार्ड दो धर्मपुर निवासी शबिहा खातून ने भी शिकायत दर्ज करायी है. इनका कहना है कि मीटर रीडिंग समय पर नहीं लिए जाने के कारण परेशानी उत्पन्न हो रही है.
पावर हाउस कॉलोनी निवासी इंदु देवी का कहना है कि जून में 323, जुलाई में 636 और अब अगस्त में 6214 का विपत्र आया है. मूलचंद रोड के देवेंद्र किशोर पांडेय ने भी शिकायत दर्ज कराते हुए कहा है कि उनकी दुकान में लगे बिजली उपकरण से 50 यूनिट से भी कम खपत है, बावजूद विपत्र ज्यादा आ रहा है. एक-एक कमरे में बिजली का उपयोग करने वाले उपभोक्ताओं के घरों पर एक हजार से दो हजार रुपये तक के बिल पहुंचे हैं. इसके साथ ही लगभग हर तीसरे बिजली उपभोक्ताओं के बिलों पर आकलित खपत जुड़ी मिल रही है. बिल देख उपभोक्ताओं के पैरों से नीचे जमीन खसकने लगी है. बिजली बिल लेकर उपभोक्ता बिजली कार्यालय पहुंच रहे हैं.
अधिकारियों पर भी होगी कार्रवाई
अब तक मनमाना बिजली बिल से उपभोक्ताओं को ही करंट लगते आया है लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. क्योंकि बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को राहत देते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने का निर्देश जारी किया है. इसका मतलब अब अगर त्रुटिपूर्ण बिल आया तो नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनियों के अधिकारियों को ही करंट लगेगा. खासकर उन अफसरों को जिनके क्षेत्र से सबसे ज्यादा गलत बिजली बिल की शिकायतें आएंगी. वहां के जूनियर इंजीनियर पर कार्रवाई होगी. इसी तरह जिला स्तर पर सर्वाधिक शिकायतें आने पर बिजली कार्यपालक अभियंता फंसेंगे.
टैरिफ बढ़ने के कारण बिजली विपत्र में भी बढ़ी हुई राशि आ रही है. जितनी बिजली उपभोक्ता खपत कर रहे हैं, उतने का ही विपत्र जारी किया जा रहा है. मीटर तेज चलने की शिकायत भी दर्ज करायी गयी थी, लेकिन जांचोपरांत सही पायी गयी. त्रुटिपूर्ण बिजली विपत्र मिलने की शिकायत की भी जांच की जा रही है. जांच के बाद अधिकांश शिकायत गलत पाये जाते हैं,
एमके शर्मा, एसडीओ शहरी, समस्तीपुर
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