28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

उड़ाही के नाम पर लाखों खर्च, नाले फिर भी जाम

सूरत-ए-हाल. हल्की बारिश में ही शहर हो जाता है जलमग्न कई जगहों पर नाले को कर लिया है अतिक्रमण समस्तीपुर : हल्की बारिश में शहर जल में गोता लगाने लगता है़ अधिकांश मुख्य नालों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, केवल नाम के लिए ही ये मुख्य नाले हैं. वहीं कई स्थानों पर नालेझ्रनालियों का […]

सूरत-ए-हाल. हल्की बारिश में ही शहर हो जाता है जलमग्न

कई जगहों पर नाले को कर लिया है अतिक्रमण
समस्तीपुर : हल्की बारिश में शहर जल में गोता लगाने लगता है़ अधिकांश मुख्य नालों का अस्तित्व समाप्त हो चुका है, केवल नाम के लिए ही ये मुख्य नाले हैं. वहीं कई स्थानों पर नालेझ्रनालियों का अतिक्रमण कर लिया गया है़ शहर में आबादी की तुलना में पर्याप्त नाले-नालियां नहीं है़ शहर के कई नए बसे इलाकों में तो नाले बने ही नहीं है़ वहीं पुराने इलाकों में 14 साल पुराने बने मुख्य सभी आउट फॉल नालों का अस्तित्व लगभग समाप्त हो गया है़ लिहाजा हल्की बारिश में शहर जल में गोता लगाने लगता है़
नाला निर्माण के नाम पर हर वर्ष लाखों रुपये होते हैं खर्च : शहर में नाला निर्माण पर हर वर्ष लाखों की राशि खर्च होती है बावजूद शहर की सड़कें चलने लायक नहीं होती है़ नगर परिषद क्षेत्र में फलां के घर से फलां के दरवाजे तक नाला निर्माण होता है़ लेकिन इन नालों की कोई उपयोगिता नहीं होती है़
कचरे से यह स्वत: बंद हो जाता है़ वही लेवलिंग के नाम पर महज खानापूर्ति की जाती है़ नाला पलीथिन, सड़े-गले कपड़े, कूड़े-करकट से भरा है़ लोगों का कहना है कि जेसीबी व सफाई कर्मियों व मजदूरों से जैसेझ्रतैसे नाले की सफाई का काम कराया जा रहा है़
सफाई पर होता है हर माह 2.15 लाख रुपये खर्च : नप के सफाई संभाग की मानें तो फिलवक्त हर माह शहर के साफझ्रसफाइ्र पर करीब 2़15 लाख रुपये खर्च किये जा रहे है़ इसमें सफाई कर्मियों का वेतन सहित वाहनों के तेल व अन्य खर्च शामिल है़ं इधर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था फाइलों में है़ जानकारी के अनुसार 26 कार्य अवधि में जेसीबी हर माह 780 लीटर तेल सफाई व्यवस्था के नाम पर गटक रही है़ वही इसके चालक को 6950 व उप चालक को 5642 रुपए हर माह वेतन मद में दी जा रही है़ वही नाले सफाई में लगे कर्मियों को 217 रुपए की दर से प्रतिदिन राशि दी जाती है़ इनपर करीब 1 लाख 46 हजार 692 रुपए खर्च हो रहे हैं़
वार्डों की सफाई व्यवस्था आउटर्सोसिंग के जिम्मे
नप प्रशासन ने एक जुलाई से शहर की साफ-सफाई आउटर्सोसिंग के हवाले कर दिया है़ इसकी जिम्मेवारी जनता सेवा संघ को सौंपी है़ नप के दैनिक व स्थायी कर्मियों की मदद से 1,2,3,9,15 वाडरें में सफाई अभियान चला रहे है़ लेकिन पार्षदों की मानें तो एनजीओं के कार्यकलापों से वे क्षुब्ध है़ं सफाई के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है़ शहर में लगाए गए कूडेदान भी कूड़ों के आगे छोटा पड़ रहा है़

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें