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क्राइम रोकने को बने मजबूत टीम

गतिरोध. निर्णयों पर नहीं किया गया अमल सेक्टर में विभाजित करने के बाद सदर थाना में अनुसंधान व विधि व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग टीम बनी थी. लेकिन डेढ़ वर्ष में सुरक्षा योजनाअों के निर्णय को कार्य रूप नहीं दिया गया. इस वजह से पुलिस अब भी अपराध रोकने में विफल रही है. सहरसा : […]

गतिरोध. निर्णयों पर नहीं किया गया अमल

सेक्टर में विभाजित करने के बाद सदर थाना में अनुसंधान व विधि व्यवस्था संभालने के लिए अलग-अलग टीम बनी थी. लेकिन डेढ़ वर्ष में सुरक्षा योजनाअों के निर्णय को कार्य रूप नहीं दिया गया. इस वजह से पुलिस अब भी अपराध रोकने में विफल रही है.
सहरसा : शहर में घटित घटनाओं के उद्भेदन, वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी एवं किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए शहर को विभिन्न सेक्टरों में डेढ़ वर्ष पूर्व बांटा गया था. वहीं सदर थाना में अनुसंधान व विधि व्यवस्था के लिए भी अलग- अलग टीम का गठन किया गया था. लेकिन सभी आदेश-निर्देश धरातल पर नहीं उतर पाये हैं. यदि अधिकारी अपने आदेश को ही लागू करने में सफल हो जाय तो शायद बहुत हद तक घटना पर रोक लग सकती है. जबकि अपराधी लगातार घटनाओं को अंजाम देकर पुलिस को खुली चुनौती दे रहे है. दिसंबर माह में गोलीबारी, लूटकांड, छिनतई, हत्या की घटना को अंजाम देकर अपराधी पुलिस की कार्यशैली को चुनौती दे चुके हैं.
दी गयी थी जिम्मेवारी
सभी सेक्टर प्रभारी की जिम्मेवारी भी तय की गयी थी, लेकिन जब सेक्टर ही धरातल पर नहीं उतर पाया तो फिर सेक्टर में तैनात अधिकारी व जवान को दी गयी जिम्मेवारी का एहसास भी नहीं हो पाया. जारी निर्देश में कहा गया था कि अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी आवेदन, मामलों का निष्पादन करेंगे, सभी प्रकार के संपतिमूलक कांडों का उद्भेदन, अनुसंधान के लिए पूर्णत: जवाबदेह होंगे. सेक्टर प्रभारी महत्वपूर्ण संपतिमूलक कांडों के अनुसंधानकर्ता स्वयं होंगे. घटित अन्य कांडों के अनुसंधान व निष्पादन के लिए पूरी तरह जिम्मेवार होंगे. लंबित वारंट कुर्की का निष्पादन, फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी, अवैध शराब बिक्री, अवैध गैसिंग सेंटर,
जुआखाना, लॉटरी को बंद करायेंगे. सभी सेक्टर प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में पड़ने वाले पासपोर्ट व चरित्र सत्यापन स्वयं करेंगे. प्रत्येक बैंक, वित्तीय संस्थान, ननबैंकिंग संस्थान का नियमित जांच कर फलाफल से थानाध्यक्ष व एसडीपीओ को अवगत करायेंगे. किसी सेक्टर में अच्छे कार्य करने वालों को पुरस्कृत किया जायेगा.
कागज पर ही रही टीम
पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर सदर थाना में अनुसंधान व विधि-व्यवस्था के लिए अलग-अलग टीम का गठन किया गया था. अनुसंधान व विधि व्यवस्था टीम गठित होने के बाद लोगों को घटना के बाद त्वरित कार्रवाई की आशा जगी थी. लेकिन उसका भी हश्र सेक्टर की तरह ही हुआ. कई माह बीतने के बाद भी लोगों को गठित टीम का कार्य देखने को नहीं मिला. आखिर जब कागज पर ही टीम का गठन होगा तो लोगों को उसका फायदा कहां तक मिल पायेगा. यह कहना मुश्किल है.
धरातल पर नहीं उतर पाया सेक्टर
वर्ष 2015 के जुलाई माह में दरभंगा प्रक्षेत्र के तत्कालीन आइजी अमित जैन के निर्देश पर एएसपी ने सदर थाना को चार सेक्टरों में बांट पदाधिकारियों व जवानों की तैनाती की थी. प्रत्येक सेक्टर में एक सेक्टर प्रभारी एवं अन्य पदाधिकारी को नियुक्त किया गया था. कहा गया था कि ये सदर थानाध्यक्ष के नियंत्रण एवं अधीन रहकर अपराध नियंत्रण व विधि व्यवस्था संधारण के लिए जवाबदेह होंगे व क्षेत्र में गश्ती तथा चेक पोस्टों की भी जांच करेंगे.
इनके विरुद्ध प्राप्त शिकायत के आधार पर थानाध्यक्ष एसडीपीओ से सलाह प्राप्त कर इनके सेक्टर में परिवर्तन करेंगे. सेक्टर एक का कार्यक्षेत्र मुख्य रेलवे लाइन के थाना से पूरब एवं पश्चिम, जो शहर को दो भागों में बांटता है, के पूर्वी भाग वाला हिस्सा होगा. इसमें मुख्य रूप से थाना चौक होते हुए गंगजला, रहमान चौक, विद्यापतिनगर, हटियागाछी, भेलवा, सुखासन, हकपाड़ा, कोसी चौक, शिवपुरी, बैजनाथपुर हनुमान चौक, तिरंगा चौक, पंचवटी चौक, प्रोफेसर कॉलोनी, नगर परिषद, प्रतापनगर, फकीरटोला, पालिटेक्निक, तिवारी टोला, रजवारा, सिमराहा एवं मधेपुरा ढ़ाला शामिल था. सेक्टर दो का कार्यक्षेत्र बस स्टैंड, चाणक्यपुरी, एमएलटी कॉलेज, प्रशांत चौक, वीआईपी रोड, रेलवे कॉलोनी,
चित्रगुप्तनगर, कायस्थ टोली, सहरसा बस्ती, पटेलनगर भेड़धरी, रूपनगरा, धमसैनी, झपड़ा टोला, कोरलाही, लोकोशेड व पटुआहा था. सेक्टर तीन का कार्यक्षेत्र बुद्धा पब्लिक स्कूल, मत्स्यगंधा पोखर, सिसई, अगुवानपुर, शाहपुर, सपटियाही, पुलिस लाइन, स्टेडियम, कोसी विहार, कचहरी ढ़ाला, व्यवहार न्यायालय, सदर अस्पताल नरियार, बेंगहा, सराही,
न्यू कॉलोनी, डीबी रोड, शंकर चौक, दहलान चौक व कहरा कुटी शामिल था. सेक्टर चार का कार्यक्षेत्र सब्जी मंडी, कपड़ापट्टी, चांदनी चौक, महावीर चौक, पासी टोला, मीर टोला, रिफ्यूजी कॉलोनी, कहरा कुटी, कहरा ब्लाक, दिघिया, भर्राही, मुस्तफानगर, अलीनगर, शर्मा टोला, कृष्णानगर, शारदानगर, बटराहा, ठाकुर चौक, भारतीय नगर व सुलिंदाबाद शामिल था. लेकिन आज तक ना ही शहरवासी और ना ही प्रतिनियुक्त अधिकारी व जवान ही सेक्टर का मतलब समझ पाये.

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