श्रद्धा. लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा के साथ बही-खाता व दीप की खरीदारी हुई तेज
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दीपावली के उल्लास में डूबने लगा शहर
श्रद्धा. लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा के साथ बही-खाता व दीप की खरीदारी हुई तेज दीपावली त्योहार को लेकर इिन दिनों शहर के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा व मिट्टी का दीपक व अन्य सामानों की खरीदारी करने लोगों की भीड़ जुटने लगी है. सहरसा : बाजार में गणेश व लक्ष्मी जी की […]
दीपावली त्योहार को लेकर इिन दिनों शहर के बाजारों में रौनक बढ़ गयी है. गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा व मिट्टी का दीपक व अन्य सामानों की खरीदारी करने लोगों की भीड़ जुटने लगी है.
सहरसा : बाजार में गणेश व लक्ष्मी जी की मूर्ति की खरीदारी को लेकर मंगलवार को शंकर चौक पर अस्थायी रूप से लगायी गयी इन दुकानों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है. लोगों का पसंद मिट्टी व सिर्फ मिट्टी की बनी गणेश लक्ष्मी की मूर्ति रही. मिट्टी की मूर्ति को लेकर स्थानीय कुम्हार द्वारा बनायी गयी मूर्ति से ज्यादा आकर्षक बाहर से लायी मूर्ति रही. बाहर से आयी मिट्टी से बनी गणेश व मां लक्ष्मी की मूर्ति 50 रुपया से 600 रुपये तक में बिक रही है. लोगों का अधिक झुकाव वर्द्धमान,
बनारस से लायी गयी मूर्ति पर रही. ज्ञात हो कि दीपावली में लोग अपने घरों एवं प्रतिष्ठानों में भगवान गणेश व मां लक्ष्मी की पूजा अर्चना बड़े ही धूमधाम से करते हैं. इसे लेकर दीया बिक्री खुब हो रही है. दीपावली में मिट्टी के बने दीप का खास महत्व है. लोग दीपावली में अपने घरों व मंदिरों में दीप जलाने के लिए बड़ी संख्या में लोग खरीदारी करते बाजार में देखे गये. मिट्टी से बने दीप 100 रुपये सैकड़े की दर से बिक रहे हैं. वही आर्टिफीशियल दीपक की कीमत पांच से लेकर 100 रुपया तक है. वैसे दीये को भी लोग खासे पंसद आ रहे हैं.
त्याेहार पर मिलावटखोर भी हो रहे सक्रिय, रहें सतर्क
फूल मालाओं से सजी दुकान.
पटाखों का बाजार पड़ा ठंडा: दीपावली पर पटाखों की खरीदारी पूर्व की अपेक्षा काफी कम हो रही है. इसी प्रकार घरों को सजाने में झालरों और मोमबत्ती के अलावा मिट्टी के दीये की खरीदारी भी हो रही है. शहर में अनेकों गली मोहल्लों, सरकारी विभागों पर झालरें टांग दी गयी हैं.
बही खाता बदलने की है परंपरा: दीपावली के मौके पर व्यवसायिक प्रतिष्ठान में आयोजित लक्ष्मी पूजा में बही खाता बदलने की परंपरा भी है. इसे व्यवसाय का क्लोजिंग डे भी कहा जाता है.
बदला रात का नजारा
दीपावली के पूर्व से ही सारा शहर रोशनी से जगमगा उठा है. कार्तिक मास की अमावस्या पर गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्तियों को स्थापित करने की तैयारी में भक्तगण जुट गये हैं. भारत विविधताओं का देश माना जाता है. यहां मनाये जाने वाले अनेकों त्यौहारों का अपना महत्व और हर त्यौहार पर रंगों और पूजा-पाठ की अलग परिभाषा होती है. देश में दीपावली का त्यौहार भी अलग-अलग हिस्सों में अपने-अपने तरीके से मनाया जाता है. देश का हर तबका दीपोत्सव के रूप में दीपावली का त्यौहार बनाता है. क्षेत्र के चैनपुर गांव में भक्तगण विधि-विधान से देवी काली की प्रतिमा स्थापित कर पूजन करते हैं. गांव के मुखिया प्रतिनिधि दीप नारायण ठाकुर ने बताया कि काली पूजा में दूर-दूर से लोग मैया के दर्शन के लिए गांव आते है.
लक्ष्मी-गणेश पूजन: दीपावली पर लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाता है. इस अवसर पर अनेकों पूजा समितियां गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करती हैं. इस दौरान रामायण और गणेश-लक्ष्मी पाठ का आयोजन किया जाता है. इसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तगण सम्मिलित होते हैं.
मिठाइयों की हो रही बुकिंग: शहर में जगह-जगह चूड़ा, लाई, कलश और अन्य पूजन सामग्रियों की खरीदारी हो रही है. त्योहार पर मिलावटखोर भी सक्रिय हैं, जिन पर लगाम कसने की सरकारी कवायद कहीं नजर नहीं आ रही है.
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