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….ऑनली एडमिन केन सेंड मैसेज, सोशल मीडिया के सेटिंग्स में होने लगा बदलाव
सहरसा : लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही जहां प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी. चुनाव के सफल संचालन के लिए कई कमेटी का गठन किया गया है. एक कमेटी सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी, की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया के संचालनकर्ताओं के बीच बैचेनी छा गयी है. आदर्श आचार संहिता […]
सहरसा : लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही जहां प्रशासन ने तैयारी शुरू कर दी. चुनाव के सफल संचालन के लिए कई कमेटी का गठन किया गया है. एक कमेटी सोशल मीडिया पर भी नजर रखेगी, की बात सामने आने के बाद सोशल मीडिया के संचालनकर्ताओं के बीच बैचेनी छा गयी है. आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सोशल मीडिया पर चलने वाली ग्रुपों के सेटिंग में बदलाव होना शुरू हो गया है.
ग्रुप एडमिन किसी भी विवादित पोस्ट से बचने के लिए सोशल साइट्स के सेटिंग में जा कर उसमें ऑनली एडमिन केन सेंड मैसेज ऑप्शन को एक्टिवेट कर दिया है. कई ग्रुप एडमिन ने बताया कि ग्रुप में अलग-अलग जाति, धर्म व विचारधारा के लोग जुड़े रहते हैं.
चुनाव में लोगों का विचारधारा एक दूसरे से नहीं मिलने पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो जाता है. एडमिन ने कहा कि धीरे-धीरे आरोप-प्रत्यारोप का दौर सामाजिक सद्भाव पर भी असर दिखाने लगता है. इसी से ग्रुप को बचाने के लिए सेटिंग्स में बदलाव किया गया है. ताकि लोग अपनी बात डाइरेक्ट ग्रुप में नहीं रख पाये. लोग अपनी बात एडमिन को भेजे.
एडमिन उसे देखने के बाद ही पोस्ट करेंगे. मालूम हो कि सोशल साइट्स पर बने ग्रुपों में पोस्ट होने वाले किसी भी तरह के विवादित पोस्ट के लिए एडमिन जिम्मेवार होते हैं. मामला प्रशासन के नजर में आने के बाद पोस्ट करने वालों के साथ एडमिन भी जिम्मेदार होते हैं.
जीत-हार की छिड़ रही है बहस
लोकसभा चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू हो गयी है. बिहार में सात चरणों में चुनाव होना है. मधेपुरा लोकसभा में तीसरे चरण में मतदान होगी. अभी तक किसी पार्टी या गठबंधन के द्वारा प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गयी है, लेकिन सोशल मीडिया पर कई तरह की चर्चा तो कई चेहरे को प्रत्याशी बता जीत हार की बहस जारी हो गयी है.
इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप भी जारी है. लोग अपने चेहते को सोशल मीडिया पर जिताने में लग चुके हैं, जबकि धरातल पर किसी प्रत्याशी की विधिवत घोषणा भी नहीं हुई है.
फेक आइडी बन रहा है सिरदर्द
चुनाव को देखते हुए सोशल मीडिया पर कई फेक आइडी भी बन चुका है, जो अपने पसंदीदा को जिताने व विरोधियों को हराने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इतना ही नहीं आरोप-प्रत्यारोप में लोग अपने भाषा पर भी संयम नहीं बरत रहे हैं. मामला व्यक्तिगत पर भी आ जा रहा है. मालूम हो कि प्रशासन सोशल मीडिया पर भी सख्ती से नजर रख रही है.
वहीं सोशल मीडिया पर पुलिस की एक सेल भी नजर रख रही है. कहीं ऐसा नहीं हो कि आपका विचार आपके लिए सिरदर्द बन जाये. इससे बचने के लिए बिना तहकीकात किये कोई पोस्ट न करें ओर न ही फारवर्ड करें, जाति, धर्म व संप्रदाय से संबंधित कोई पोस्ट न करें, अफवाह पर ध्यान नहीं दें.
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