सीनियर डीसीएम ने दिया छापेमारी दल गठित करने का निर्देश
अवैध सॉफ्टवेयर के जरिये आइआरसीटीसी के वेबसाइट में सेंध लगाते हैं दलाल
एक ही बार में दर्जनों टिकट बना देती है सॉफ्टवेयर
सहरसा : शहर में तत्काल टिकट बनाने में दलालों द्वारा प्रयुक्त किये जाने वाले अवैध सॉफ्टवेयर की खबर प्रभात खबर में प्रकाशित होने के बाद रेलवे ने गिरोह के सरगना सहित सहयोगियों को गिरफ्तार करने की योजना बना ली है. समस्तीपुर रेलमंडल के सीनियर डीसीएम वीरेंद्र कुमार के निर्देश पर विशेष टीम गठित की जा रही है. जो शहर के संभावित क्षेत्रों में सॉफ्टवेयर रैकेट के ठिकाने को तलाश करेगी. टीम में रेल मंडल के तेजतर्रार अधिकारियों को शामिल किया जायेगा. विभागीय निर्देश के अनुसार टीम में रेलवे के खुफिया तंत्रों के अलावा वाणिज्य व आरपीएफ को शामिल करने की योजना है. छापेमारी दस्ता में शामिल अधिकारियों का नाम सार्वजनिक नहीं किये जायेंगे. रेलवे की सक्रियता से गोरखधंधे में शामिल कारोबारियों ने अपना ठिकाना भी बदलना शुरू कर दिया है.
सहरसा में सक्रिय हैं दलाल: सहरसा में ऐसे दलालों की फौज मौजूद है,जो मुंहमांगी रकम लेकर मनचाहे डेस्टिनेशन का कंफर्म टिकट दिलाने का वादा करते हैं. दलाल 4जी नेटवर्क पर तत्काल टिकट गारंटी के साथ देता है. तत्काल टिकट की बुकिंग 10 बजे शुरू होती है. ऐसे में दलालों को लोगों से तत्काल टिकट के लिए पहले ही ऑर्डर मिल जाता है. तत्काल रिजर्वेशन का टिकट चाहने वालों से दलाल पहले ही उनकी डिटेल्स और रुपया ले लेता है.
आमलोगों को हो रही परेशानी: सॉफ्टवेयर के हो रहे प्रयोग की वजह से आमलोगों को रेलवे द्वारा दी जाने वाली तत्काल सेवा का लाभ नहीं मिल पाता है. काउंटर पर कुछ ही देर में तत्काल का नो रूम डिस्प्ले होने लगता है. मजबूरी में स्थानीय लोगों को इस धंधे में संलिप्त दलालों के पास जाना पड़ता है. ज्ञात हो कि स्थानीय लोगों की जागरूकता से भी इस प्रकार के गोरखधंधे पर लगाम लगायी जा सकती है. रेलवे के अधिकारी बताते है कि यात्री इस प्रकार के मामले की शिकायत करे.
प्रभात खबर ने किया था खुलासा
खबर के जरिये प्रभात खबर ने खुलासा किया था कि आइआरसीटीसी की वेबसाइट के जरिये दलाल तत्काल टिकट का पूरा कोटा हड़प जाते हैं. आम आदमी के टिकट बुक करने से पहले ही एक सॉफ्टवेयर के जरिये दलाल टिकट बुक कर लेते थे. कोसी क्षेत्र में फैले इस गैंग के दर्जनों एजेंट इस सॉफ्टवेयर की मदद से 30 सेकेंड में ही सारे टिकट बुक कर लेते हैं. इस सॉफ्टवेयर से एजेंट को आइआरसीटीसी की वेबसाइट पर जाने की जरूरत ही नहीं पड़ती है. तत्काल बुकिंग शुरू होने के चंद सेकेंड पहले वो एजेंट बस एक क्लिक करता है और आपके हिस्से का टिकट किसी और के नाम हो जाता है. इस सॉफ्टवेयर को बनाने वाले रेलवे की पकड़ से दूर है. वो लोग सिर्फ ऑनलाइन डीलिंग करते हैं. रही बात सॉफ्टवेयर को खरीदने की, तो ये सॉफ्टवेयर किसी एजेंट को बेचा नहीं जाता, बल्कि उन्हें किराये पर दिया जाता है.